Prayers
आसीसी के सन्त फ्रांसिस की प्रार्थना
हे प्रभु मुझको अपनी शान्ति का साधन बना ले।
जहाँ घृणा हो, वहाँ मैं प्रीति भर दूँ,
जहाँ आघात हो, वहाँ क्षमा भर दूँ और
जहाँ शंका हो, वहाँ विश्वास भर दूँ।
मुझे ऐसा वर दे कि
जहाँ निराशा हो, मैं आशा जगा दूँ,
जहाँ अंधकार हो, ज्योति जगा दूँ, और
जहाँ खिन्नता हो, हर्ष भर दूँ।
ओ स्वामी, मुझको ये वर दे कि, मैं सांत्वना
पाने की आशा न करुँ, सांत्वना देता रहूँ।
समझा जाने की आशा न करुँ, समझता ही रहूँ।
प्यार पाने की आशा न रखूँ प्यार देता ही रहूँ।
त्याग के द्वारा ही प्राप्ति होती है।
क्षमा के द्वारा ही क्षमा मिलती है।
मृत्यु के द्वारा ही अनन्त जीवन मिलता है। आमेन।
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