1 मैं ने प्रभु को वेदी के ऊपर खड़ा देखा, और उस ने कहा, खम्भे की कंगनियोंपर मार जिस से डेवढिय़ां हिलें, और उनको सब लोगोंके सिर पर गिराकर टुकड़े टुकड़े कर; और जो नाश होने से बचें, उन्हें मैं तलवार से घात करूंगा; उन में से एक भी न भाग निकलेगा, और जो अपके को बचाए, वह बचने न पाएगा।।
2 क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं, तो वहां से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊंगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, तो वहां से मैं उन्हें उतार लाऊंगा।
3 चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं, परन्तु वहां भी मैं उन्हें ढूंढ़-ढूंढकर पकड़ लूंगा, और चाहे वे समुद्र की याह में मेरी दृष्टि से ओट हों, वहां भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूंगा।
4 और चाहे शत्रु उन्हें हांककर बंधुआई में ले जाएं, वहां भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उन्हें घात कराऊंगा; और मैं उन पर भलाई करने के लिथे नहीं, बुराई की करने के लिथे दृष्टि करूंगा।।
5 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के स्पर्श करने से पृय्वी पिघलती है, और उसके सारे रहनेवाले विलाप करते हैं; और वह सब की सब मिस्र की नदी के समान जो जाती है, जो बढ़ती है फिर लहरें मारती, और घट जाती है।
6 जो आकाश में अपक्की कोठरियां बनाता, और अपके आकाशमण्डल की नेव पृय्वी पर डालता, और समुद्र का जल घरती पर बहा देता है, उसी का नाम यहोवा है।।
7 हे इस्राएलियों, यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम मेरे लेखे कूशियोंके समान नहीं हो? क्या मैं इस्राएल को मिस्र देश से और पलिश्तियोंको कप्तोर से नहीं निकाल लाया? और अरामियोंको कीर से नहीं निकाल लाया?
8 देखो, परमेश्वर यहोवा की दृष्टि इस पाप-मय राज्य पर लगी है, और मैं इसको धरती पर से नाश करूंगा; तौभी मैं पूरी रीति से याकूब के घराने को नाश न करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
9 मेरी आज्ञा से इस्राएल का धराना सब जातियोंमें ऐसा चला जाएगा जैसा अन्न चलनी में चला जाता है, परन्तु उसका एक भी पुष्ट दाना भूमि पर न गिरेगा।
10 मेरी प्रजा में के सब पापी जो कहते हैं कि वह विपत्ति हम पर न पकेगी, और न हमें घेरेगी, वे सब तलवार से मारे जाएंगे।
11 उस समय मैं दाऊद की गिरी हुई फोपक्की को खड़ा करूंगा, और उसके बाड़े के नाकोंको सुधारूंगा, और उसके खण्डहरोंको फिर बनाऊंगा, और जैसा वह प्राचीनकाल से या, उसको वैसा ही बना दुंगा;
12 जिस से वे बचे हुए एदोमियोंको वरन सब अन्यजातियोंको जो मेरी कहलाती है, अपके अधिक्कारने में लें, यहोवा जो यह काम पूरा करता है, उसकी यही वाणी है।।
13 यहोवा की यह भी वाणी है, देखो, ऐसे दिन आते हैं, कि हल जोतनेवाला लवनेवाले को और दाख रौंदनेवाला बीच बोनेवाले को जा लेगा; और पहाड़ोंसे नया दाखमधु टपकने लगेगा, और सब पहाडिय़ोंसे बह निकलेगा।
14 मैं अपक्की प्रजा इस्राएल के बंधुओं को फेर ले आऊंगा, और वे उजड़े हुए नगरोंको सुधारकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियां लगाकर दाखमधु पीएंगे, और बगीचे लगाकर उनके फल खाएंगे।
15 मैं उन्हें, उन्हीं की भूमि में बोऊंगा, और वे अपक्की भूमि में से जो मैं ने उन्हें दी है, फिर कभी उखाड़े न जाएंगे, तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।।