1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इस्त्राएलियोंसे कह, कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
3 तुम मिस्र देश के कामोंके अनुसार जिस में तुम रहते थे न करना; और कनान देश के कामोंके अनुसार भी जहां मैं तुम्हें ले चलता हूं न करना; और न उन देशोंकी विधियोंपर चलना।
4 मेरे ही नियमोंको मानना, और मेरी ही विधियोंको मानते हुए उन पर चलना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
5 इसलिथे तुम मेरे नियमोंऔर मेरी विधियोंको निरन्तर मानना; जो मनुष्य उनको माने वह उनके कारण जीवित रहेगा। मैं यहोवा हूं।
6 तुम में से कोई अपक्की किसी निकट कुटुम्बिन का तन उघाड़ने को उसके पास न जाए। मैं यहोवा हूं।
7 अपक्की माता का तन जो तुम्हारे पिता का तन है न उघाड़ना; वह तो तुम्हारी माता है, इसलिथे तुम उसका तन न उघाड़ना।
8 अपक्की सौतेली माता का भी तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारे पिता ही का तन है।
9 अपक्की बहिन चाहे सगी हो चाहे सौतेली हो, चाहे वह घर में उत्पन्न हुई हो चाहे बाहर, उसका तन न उघाड़ना।
10 अपक्की पोती वा अपक्की नतिनी का तन न उघाड़ना, उनकी देह तो मानो तुम्हारी ही है।
11 तुम्हारी सोतेली बहिन जो तुम्हारे पिता से उत्पन्न हुई, वह तुम्हारी बहिन है, इस कारण उसका तन न उघाड़ना।
12 अपक्की फूफी का तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारे पिता की निकट कुटुम्बिन है।
13 अपक्की मौसी का तन न उघाड़ना; क्योंकि वह तुम्हारी माता की निकट कुटुम्बिन है।
14 अपके चाचा का तन न उघाड़ना, अर्यात् उसकी स्त्री के पास न जाना; वह तो तुम्हारी चाची है।
15 अपक्की बहू का तन न उघाड़ना वह तो तुम्हारे बेटे की स्त्री है, इस कारण तुम उसका तन न उघाड़ना।
16 अपक्की भौजी का तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारे भाई ही का तन है।
17 किसी स्त्री और उसकी बेटी दोनोंका तन न उघाड़ना, और उसकी पोती को वा उसकी नतिनी को अपक्की स्त्री करके उसका तन न उघाड़ना; वे तो निकट कुटुम्बिन है; ऐसा करना महापाप है।
18 और अपक्की स्त्री की बहिन को भी अपक्की स्त्री करके उसकी सौत न करना, कि पहली के जीवित रहते हुए उसका तन भी उघाड़े।
19 फिर जब तक कोई स्त्री अपके ऋतु के कारण अशुद्ध रहे तब तक उसके पास उसका तन उघाड़ने को न जाना।
20 फिर अपके भाई बन्धु की स्त्री से कुकर्म करके अशुद्ध न हो जाना।
21 और अपके सन्तान में से किसी को मोलेक के लिथे होम करके न चढ़ाना, और न अपके परमेश्वर के नाम को अपवित्र ठहराना; मैं यहोवा हूं।
22 स्त्रीगमन की रीति पुरूषगमन न करना; वह तो घिनौना काम है।
23 किसी जाति के पशु के साय पशुगमन करके अशुद्ध न हो जाना, और न कोई स्त्री पशु के साम्हने इसलिथे खड़ी हो कि उसके संग कुकर्म करे; यह तो उल्टी बात है।।
24 ऐसा ऐसा कोई भी काम करके अशुद्ध न हो जाना, क्योंकि जिन जातियोंको मैं तुम्हारे आगे से निकालने पर हूं वे ऐसे ऐसे काम करके अशुद्ध हो गई है;
25 और उनका देश भी अशुद्ध हो गया है, इस कारण मैं उस पर उसके अधर्म का दण्ड देता हूं, और वह देश अपके निवासिक्कों उगल देता है।
26 इस कारण तुम लोग मेरी विधियोंऔर नियमोंको निरन्तर मानना, और चाहे देशी चाहे तुम्हारे बीच रहनेवाला परदेशी हो तुम में से कोई भी ऐसा घिनौना काम न करे;
27 क्योंकि ऐसे सब घिनौने कामोंको उस देश के मनुष्य तो तुम से पहिले उस में रहते थे वे करते आए हैं, इसी से वह देश अशुद्ध हो गया है।
28 अब ऐसा न हो कि जिस रीति से जो जाति तुम से पहिले उस देश में रहती यी उसको उस ने उगल दिया, उसी रीति जब तुम उसको अशुद्ध करो, तो वह तुम को भी उगल दे।
29 जितने ऐसा कोई घिनौना काम करें वे सब प्राणी अपके लोगोंमें से नाश किए जाएं।
30 यह आज्ञा जो मैं ने तुम्हारे मानने को दी है उसे तुम मानना, और जो घिनौनी रीतियां तुम से पहिले प्रचलित हैं उन में से किसी पर न चलना, और न उनके कारण अशुद्ध हो जाना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।।