1 और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपके अपराधोंऔर पापोंके कारण मरे हुए थे।
2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिक्कारने के हाकिम अर्यात् उस आत्क़ा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालोंमें कार्य्य करता है।
3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपके शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगोंके समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपके उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
5 जब हम अपराधोंके कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साय जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
6 और मसीह यीशु में उसके साय उठाया, और स्वर्गीय स्यानोंमें उसके साय बैठाया।
7 कि वह अपक्की उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आनेवाले समयोंमें अपके अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, बरन परमेश्वर का दान है।
9 और न कर्मोंके कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामोंके लिथे सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिथे तैयार किया।।
11 इस कारण स्क़रण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतनावाले कहलाते हैं, वे तुम को खतनारिहत कहते हैं)।
12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्त्राए की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वररिहत थे।
13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिस ने दोनोंको एक कर लिया: और अलग करनेवाल दीवार को जो बीच में यी, ढा दिया।
15 और अपके शरीर में बैर अर्यात् वह व्यवस्या जिस की आज्ञाएं विधियोंकी रीति पर यीं, मिटा दिया, कि दोनोंसे अपके में एक नया मनुष्य उत्पन्न करके मेल करा दे।
16 और क्रूस पर बैर को नाश करके इस के द्वारा दानोंको एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए।
17 और उस ने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानोंको मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया।
18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दानोंकी एक आत्क़ा में पिता के पास पंहुच होती है।
19 इसलिथे तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगोंके संगी स्वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।
20 और प्रेरितोंऔर भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिस के कोने का पत्यर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
21 जिस में सारी रचना एक साय मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।
22 जिस में तुम भी आत्क़ा के द्वारा परमेश्वर का निवासस्यान होने के लिथे एक साय बनाए जाते हो।।