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इफिसियों - Chapter 3

1 इसी कारण मैं पौलुस जो तुम अन्यजातियोंके लिथे मसीह यीशु का बन्‍धुआ हूं 
2 यदि तुम ने परमेश्वर के उस अनुग्रह के प्रबन्‍ध का समाचार सुना हो, जो तुम्हारे लिथे मुझे दिया गया। 
3 अर्यात्‍ यह, कि वह भेद मुझ पर प्रकाश के द्वारा प्रगट हुआ, जैसा मैं पहिले संझेप में लिख चुका हूं। 
4 जिस से तुम पढ़कर जान सकते हो, कि मैं मसीह का वह भेद कहां तक समझता हूं। 
5 जो और और समयोंमें मनुष्योंकी सन्‍तानोंको ऐसा नहीं बताया गया या, जैसा कि आत्क़ा के द्वारा अब उसके पवित्र प्ररितोंऔर भविष्यद्वक्ताओं पर प्रगट किया गया हैं। 
6 अर्यात्‍ यह, कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा अन्यजातीय लाग मीरास में साफी, और एक ही देह के और प्रतिज्ञा के भागी हैं। 
7 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो सामर्य के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना। 
8 मुझ पर जो सब पवित्र लोगोंमें से छोटे से भी छोटा हूं, यह अनुग्रह हुआ, कि मैं अन्यजातियोंको मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं। 
9 और सब पर यह बात प्रकाशित करूं, कि उस भेद का प्रबन्‍ध क्‍या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्‍त या। 
10 ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का नाना प्रकार का ज्ञान, उन प्रधानोंऔर अधिक्कारनेियोंपर, जो स्‍वर्गीय स्यानोंमें हैं प्रगट किया जाए। 
11 उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उस ने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की यीं। 
12 जिस में हम को उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिक्कारने है। 
13 इसलिथे मैं बिनती करता हूं कि जो क्‍लेश तुम्हारे लिथे मुझे हो रहे हैं, उनके कारण हियाव न छोड़ो, क्‍योंकि उन में तुम्हारी महिमा है।। 
14 मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, 
15 जिस से स्‍वर्ग और पृय्‍वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। 
16 कि वह अपक्की महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्क़ा से अपके भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्य पाकर बलवन्‍त होते जाओ। 
17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे ह्रृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़कर और नेव डाल कर। 
18 सब पवित्र लागोंके साय भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है। 
19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से पके है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।। 
20 अब जो ऐसा सामर्यी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्य के अनुसार जो हम में कार्य्य करता है, 
21 कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन।।