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इफिसियों - Chapter 6

1 हे बालकों, प्रभु में अपके माता पिता के आज्ञाकारी बनो, क्‍योंकि यह उचित है। 
2 अपक्की माता और पिता का आदर कर (यह पहिली आज्ञा है, जिस के साय प्रतिज्ञा भी है)। 
3 कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे। 
4 और हे बच्‍चेवालोंअपके बच्‍चोंको रिस न दिलाओ परन्‍तु प्रभु की शिझा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो।। 
5 हे दासो, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्‍वामी हैं, अपके मन की सीधाई से डरते, और कांपके हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो। 
6 और मनुष्योंको प्रसन्न करनेवालोंकी नाई दिखाने के लिथे सेवा न करो, पर मसीह के दासोंकी नाई मन से परमेश्वर की इच्‍छा पर चलो। 
7 और उस सेवा को मनुष्योंकी नहीं, परन्‍तु प्रभु की जानकर सुइच्‍छा से करो। 
8 क्‍योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्‍छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्‍वतंत्र; प्रभु से वैसा ही पाएगा। 
9 और हे स्‍वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साय वैसा ही व्यवहार करो, क्‍योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दानोंका स्‍वामी स्‍वर्ग में है, और वह किसी का पझ नहीं करता।। 
10 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति में बलवन्‍त बनो। 
11 परमेश्वर के सारे हिययार बान्‍ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियोंके साम्हने खड़े रह सको। 
12 क्‍योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्‍तु प्रधानोंसे और अधिक्कारनेियोंसे, और इस संसार के अन्‍धकार के हाकिमोंसे, और उस दुष्‍टता की आत्क़िक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। 
13 इसलिथे परमेश्वर के सारे हिययार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा करके स्यिर रह सको। 
14 सो सत्य से अपक्की कमर कसकर, और धार्मीकता की फिलम पहिन कर। 
15 और पांवोंमें मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर। 
16 और उन सब के साय विश्वास की ढाल लेकर स्यिर रहो जिस से तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरोंको बुफा सको। 
17 और उद्धार का टोप, और आत्क़ा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो। 
18 और हर समय और हर प्रकार से आत्क़ा में प्रार्यना, और बिनती करते रहो, और इसी लिथे जागते रहो, कि सब पवित्र लोगोंके लिथे लगातार बिनती किया करो। 
19 और मेरे लिथे भी, कि मुझे बोलने के समय ऐसा प्रबल वचन दिया जाए, कि मैं हियाव से सुसमाचार का भेद बता सकूं जिस के लिथे मैं जंजीर से जकड़ा हुआ राजदूत हूं। 
20 और यह भी कि मैं उस के विषय में जैसा मुझे चाहिए हियाव से बोलूं।। 
21 और तुखिकुस जो प्रिय भाई और प्रभु में विश्वासयोग्य सेवक है तुम्हें सब बातें बताएगा, कि तुम भी मेरी दशा जानो कि मैं कैसा रहता हूं। 
22 उसे मैं ने तुम्हारे पास इसी लिथे भेजा है, कि तुम हमारी दशा जानो, और वह तुम्हारे मनोंको शान्‍ति दे।। 
23 परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से भाइयोंको शान्‍ति और विश्वास सहित प्रेम मिले। 
24 जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से सच्‍चा प्रेम रखते हैं, उन सब पर अनुग्रह होता रहे।।