1 हे इस्राएल, तू देश देश के लोगोंकी नाईं आनन्द में मगन मत हो! क्योंकि तू अपके परमेश्वर को छोड़कर वेश्या बनी। तू ने अन्न के हर एक खलिहान पर छिनाले की कमाई आनन्द से ली है।
2 वे न तो खलिहान के अन्न से तृप्त होंगे, और न कुण्ड के दाखमधु से; और न नथे दाखमधु के धटने से वे धोखा खाएंगे।
3 वे यहोवा के देश में रहने न पाएंगे; परन्तु एप्रैम मिस्र में लौट जाएगा, और वे अश्शूर में अशुद्ध वस्तुएं खाएंगे।।
4 वे यहोवा के लिथे दाखमधु का अर्ध न देंगे, और न उनके बलिदान उसको भाएंगे। उनकी रोटी शोक करनेवालोंका सा भोजन ठहरेगी; जितने उसे खाएंगे सब अशुद्ध हो जाएंगे; क्योंकि उनकी भोजनवसतु उनकी भूख बुफाने ही के लिथे होगी; वह यहोवा के भवन में न आ सकेगी।।
5 नियत समय के पर्व और यहोवा के उत्सव के दिन तुम क्या करोगे?
6 देखो, वे सत्यानाश होने के डर के मारे चले गए; परन्तु वहां मर जाएंगे और मिस्री उनकी लोथें इकट्ठी करेंगे; और मोप के निवासी उनको मिट्टी देंगे। उनकी मनभावनी चान्दी की वस्तुएं बिच्छु पेड़ोंके बीच में पकेंगी, और उनके तम्बुओं में फड़बेरी उगेगी।
7 दण्ड के दिन आए हैं; बदला लेने के दिन आए हैं; और इस्राएल यह जान लेगा। उनके बहुत से अधर्म और बड़े द्वेष के कारण भविष्यद्वक्ता तो मूर्ख, और जिस पुरूष पर आत्मा उतरता है, वह बावला ठहरेगा।।
8 एप्रैम मेरे परमेश्वर की ओर से पहरूआ है; भविष्यद्वक्ता सब मार्गोंमें बहेलिथे का फन्दा है, और वह अपके परमेश्वर के घर में बैरी हुआ है।
9 वे गिबा के दिनोंकी भांति अत्यन्त बिगड़े हैं; सो वह उनके अधर्म की सुधि लेकर उनके पाप का दण्ड देगा।।
10 मैं ने इस्राएल को ऐसा पाया जैसे कोई जंगल में दाख पाए; और तुमहारे पुरखाओं पर ऐसे दृष्टि की जैसे अंजीर के पहिले फलोंपर दृष्टि की जाती है। परन्तु उन्होंने पोर के बाल के पास जाकर अपके तई लज्जा का कारण होने के लिथे अर्पण कर दिया, और जिस पर मोहित हो गए थे, वे उसी के समान घिनौने हो गए।
11 एप्रैम का विभव पक्की की नाईं उड़ जाएगा; न तो किसी का जन्म होगा, न किसी को गर्भ रहेगा, और न कोई स्त्री गर्भवती होगी!
12 चाहे वे अपके लड़केबालोंका पालनपोषण कर बड़े भी करें, तौभी मैं उन्हें यहां तक निर्वंश करूंगा कि कोई भी न बचेगा। जब मैं उन से दूर हो जाऊंगा, तब उन पर हाथ!
13 जैसा मैं ने सोर को देखा, वैसा एप्रैम को भी मनभाऊ स्यान में बसा हुआ देखा; तौभी उसे अपके लड़केबालोंको घातक के साम्हने ले जाना पकेगा।
14 हे यहोवा, उनको दण्ड दे! तू क्या देगा? यह, कि उनकी स्त्रियोंके गर्भ गिर जाएं, और स्यान सूखे रहें।।
15 उनकी सारी बुराई गिल्गाल में है; वहीं मैं ने उन से घृणा की। उनके बुरे कामोंके कारण मैं उनको अपके घर से निकाल दूंगा। और उन से फिर प्रीति न रखूंगा, क्योंकि उनके सब हाकिम बलवा करनेवाले हैं।
16 एप्रैम मारा हुआ है, उनकी जड़ सूख गई, उन में फल न लगेगा। और चाहे उनकी स्त्रियां बच्चे भी न जनें तौभी मैं उनके जन्मे हुए दुलारोंको मार डालूंगा।।
17 मेरा परमेश्वर उनको निकम्मा ठहराएगा, क्योंकि उन्होंने उसकी नहीं सुनी। वे अन्यजातियोंके बीच मारे मारे फिरेंगे।।