1 उसी दिन मूसा की पुस्तक लोगोंको पढ़कर सुनाई गई; और उस में यह लिखा हुआ मिला, कि कोई अम्मोनी वा मोआबी परमेश्वर की सभा में कभी न आने पाए;
2 क्योंकि उन्होंने अन्न जल लेकर इस्राएलियोंसे भेंट नहीं की, वरन बिलाम को उन्हें शाप देने के लिथे दझिणा देकर बुलवाया या--तौभी हमारे परमेश्वर ने उस शाप को आशीष से बदल दिया।
3 यह व्यवस्या सुनकर, उन्होंने इस्राएल में से मिली जुली भीड़ को अलग अलग कर दिया।
4 इस से पहिले एल्याशीब याजक जो हमारे परमेश्वर के भवन की कोठरियोंका अधिक्कारनेी और तोबिय्याह का सम्बन्धी या।
5 उस ने तोबिय्याह के लिथे एक बड़ी कोठरी तैयार की यी जिस में पहिले अन्नबलि का सामान और लोबान और पात्र और अनाज, नथे दाखमधु और टटके तेल के दशमांश, जिन्हें लेवियों, गवैयोंऔर द्वारपालोंको देने की आज्ञा यी, रखी हुई यी; और याजकोंके लिथे उठाई हुई भेंट भी रखी जाती यीं।
6 परन्तु मैं इस समय यरूशलेम में नहीं या, क्योंकि बाबेल के राजा अर्तझत्र के बत्तीसवें वर्ष में मैं राजा के पास चला गया। फिर कितने दिनोंके बाद राजा से छुट्टी मांगी,
7 और मैं यरूशलेम को आया, तब मैं ने जान लिया, कि एल्याशीब ने तोबिय्याह के लिथे परमेश्वर के भवन के आंगनोंमें एक कोठरी तैयार कर, क्या ही बुराई की है।
8 इसे मैं ने बहुत बुरा माना, और तोबिय्याह का सारा घरेलू सामान उस कोठरी में से फेंक दिया।
9 तब मेरी आज्ञा से वे कोठरियां शुद्ध की गई, और मैं ने परमेश्वर के भवन के पात्र और अन्नबलि का सामान और लोबान उन में फिर से रखवा दिया।
10 फिर मुझे मालूम हुआ कि लेवियोंका भाग उन्हें नहीं दिया गया है; और इस कारण काम करनेवाले लेवीय और गवैथे अपके अपके खेत को भाग गए हैं।
11 तब मैं ने हाकिमोंको डांटकर कहा, परमेश्वर का भवन क्योंत्यागा गया है? फिर मैं ने उनको इकट्ठा करके, एक एक को उसके स्यान पर नियुक्त किया।
12 तब से सब यहूदी अनाज, नथे दाखमधु और टटके तेल के दशमांश भणडारोंमें लाने लगे।
13 और मैं ने भणडारोंके अधिक्कारनेी शेलेम्याह याजक और सादोक मुंशी को, और लेवियोंमें से पदायाह को, और उनके नीचे हानान को, जो मत्तन्याह का पोता और जक्कूर का पुत्र या, नियुक्त किया; वे तो विश्वासयोग्य गिने जाते थे, और अपके भाइयोंके मय बांटना उनका काम या।
14 हे मेरे परमेश्वर ! मेरा यह काम मेरे हित के लिथे स्मरण रख, और जो जो सुकर्म मैं ने अपके परमेश्वर के भवन और उस में की आराधना के विषय किए हैं उन्हे मिटा न डाल।
15 उन्हीं दिनोंमें मैं ने यहूदा में कितनोंको देखा जो विश्रमदिन को हैदोंमें दाख रौंदते, और पूलियोंको ले आते, और गदहोंपर लादते थे; वैसे ही वे दाखमधु, दाख, अंजीर और भांति भांति के बोफ विश्रमदिन को यरूशलेम में लाते थे; तब जिस दिन वे भोजनवस्तु बेचते थे, उसी दिन मैं ने उनको चिता दिया।
16 फिर उस में सोरी लोग रहकर मछली और भांति भांति का सौदा ले आकर, यहूदियोंके हाथ यरूशलेम में विश्रमदिन को बेचा करते थे।
17 तब मैं ने यहूदा के रईसोंको डांटकर कहा, तुम लोग यह क्या बुराई करते हो, जो विश्रमदिन को अपवित्र करते हो?
18 क्या तुम्हारे पुरखा ऐसा नहीं करते थे? और क्या हमारे परमेश्वर ने यह सब विपत्ति हम पर और इस नगर पर न डाली? तौभी तुम विश्रमदिन को अपवित्र करने से इस्राएल पर परमेश्वर का क्रोध और भी भड़काते जाते हो।
19 सो जब विश्रमवार के पहिले दिन को यरूशलेम के फाटकोंके आस-पास अन्ध्ेरा होने लगा, तब मैं ने आज्ञा दी, कि उनके पल्ले बन्द किए जाएं, और यह भी आज्ञा दी, कि वे विश्रमवार के पूरे होने तक खोले न जाएं। तब मैं ने अपके कितने सेवकोंको फाटकोंका अधिक्कारनेी ठहरा दिया, कि विश्रमवार को कोई बोफ भीतर आने न पाए।
20 इसलिथे व्योपारी और भांति भांति के सौदे के बेचनेवाले यरूशलेम के बाहर दो एक बेर टिके।
21 तब मैं ने उनको चिताकर कहा, तुम लोग शहरपनाह के साम्हने क्योंटिकते हो? यदि तुम फिर ऐसा करोगे तो मैं तुम पर हाथ बढ़ाऊंगा। इसलिथे उस समय से वे फिर विश्रमबार को नहीं आए।
22 तब मैं ने लेवियोंको आज्ञा दी, कि अपके अपके को शुद्ध करके फाटकोंकी रखवाली करने के लिथे आया करो, ताकि विश्रमदिन पवित्र माना जाए। हे मेरे परमेश्वर ! मेरे हित के लिथे यह भी स्मरण रख और अपक्की बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर तरस खा।
23 फिर उन्हीं दिनोंमें मुझ को ऐसे यहूदी दिखाई पके, जिन्होंने अशदोदी, अम्मोनी और मोआबी स्त्रियां ब्याह ली यीं।
24 और उनके लड़केबालोंकी आधी बोली अशदोदी थी, और वे यहूदी बोली न बोल सकते थे, दोनोंजाति की बोली बोलते थे।
25 तब मैं ने उनको डांटा और कोसा, और उन में से कितनोंको पिटवा दिया और उनके बाल नुचवाए; और उनको परमेश्वर की यह शपय खिलाई, कि हम अपक्की बेटियां उनके बेटोंके साय ब्याह में न देंगे और न अपके लिथे वा अपके बेटोंके लिथे उनकी बेटियां ब्याह में लेंगे।
26 क्या इस्राएल का राजा सुलैमान इसी प्रकार के पाप में न फंसा य? बहुतेरी जातियोंमें उसके तुल्य कोई राजा नहीं हुआ, और वह अपके परमेश्वर का प्रिय भी या, और परमेश्वर ने उसे सारे इस्राएल के ऊपर राजा नियुक्त किया; परन्तु उसको भी अन्यजाति स्त्रियोंने पाप में फंसाया।
27 तो क्या हम तुम्हारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई करें कि अन्यजाति की स्त्रियां ब्याह कर अपके परमेश्वर के विरुद्ध पाप करें?
28 और एल्याशीब महाथाजक के पुत्र योयादा का एक पुत्र, होरोनी सम्बल्लत का दामाद या, इसलिथे मैं ने उसको अपके पास से भगा दिया।
29 हे मेरे परमेश्वर उनकी हानि के लिथे याजकपद और याजकोंओर लेवियोंकी वाचा का तोड़ा जाना स्मरण रख।
30 इस प्रकार मैं ने उनको सब अन्यजातियोंसे शुद्ध किया, और एक एक याजक और लेवीय की बारी और काम ठहरा दिया।
31 फिर मैं ने लकड़ी की भेंट ले आने के विशेष समय ठहरा दिए, और पहिली पहिली उपज के देने का प्रबन्ध भी किया। हे मेरे परमेश्वर ! मेरे हित के लिथे मुझे स्मरण कर।