1 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इस्त्राएलियोंसे बातें करके उन के पूर्वजोंके घरानोंके अनुसार, उनके सब प्रधानोंके पास से एक एक छड़ी ले; और उन बारह छडिय़ोंमें से एक एक पर एक एक के मूल पुरूष का नाम लिख,
3 और लेवियोंकी छड़ी पर हारून का नाम लिख। क्योंकि इस्त्राएलियोंके पूर्वजोंके घरानोंके एक एक मुख्य पुरूष की एक एक छड़ी होगी।
4 और उन छडिय़ोंको मिलापवाले तम्बू में साझीपत्र के आगे, जहां मैं तुम लोगोंसे मिला करता हूं, रख दे।
5 और जिस पुरूष को मैं चुनूंगा उसकी छड़ी में कलियां फूट निकलेंगी; और इस्त्राएली जो तुम पर बुड़बुड़ाते रहते हैं, वह बुड़बुड़ाना मैं अपके ऊपर से दूर करूंगा।
6 सो मूसा ने इस्त्राएलियोंसे यह बात कही; और उनके सब प्रधानोंने अपके अपके लिथे, अपके अपके पूर्वजोंके घरानोंके अनुसार, एक एक छड़ी उसे दी, सो बारह छडिय़ां हुई; और उन की छडिय़ोंमें हारून की भी छड़ी यी।
7 उन छडिय़ोंको मूसा ने साझीपत्र के तम्बू में यहोवा के साम्हने रख दिया।
8 दूसरे दिन मूसा साझीपत्र के तम्बू में गया; तो क्या देखा, कि हारून की छड़ी जो लेवी के घराने के लिथे यी उस में कलियां फूट निकली, अर्यात् उस में कलियां लगीं, और फूल भी फूले, और पके बादाम भी लगे हैं।
9 सो मूसा उन सब छडिय़ोंको यहोवा के साम्हने से निकालकर सब इस्त्राएलियोंके पास ले गया; और उन्होंने अपक्की अपक्की छड़ी पहिचानकर ले ली।
10 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून की छड़ी को साझीपत्र के साम्हने फिर धर दे, कि यह उन दंगा करनेवालो के लिथे एक निशान बनकर रखी रहे, कि तू उनका बुड़बुड़ाना जो मेरे विरूद्ध होता रहता है भविष्य में रोक रखे, ऐसा न हो कि वे मर जाएं।
11 और मूसा ने यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार ही किया।।
12 तब इस्त्राएली मूसा से कहने लगे, देख, हमारे प्राण निकला चाहते हैं, हम नष्ट हुए, हम सब के सब नष्ट हुए जाते हैं।
13 जो कोई यहोवा के निवास के समीप जाता है वह मारा जाता है। तो क्या हम सब के सब मर ही जाएंगे।।