1 जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत के पास मूसा से बातें की उस समय हारून और मूसा की यह वंशावली यी।
2 हारून के पुत्रोंके नाम थे हैं: नादाब जो उसका जेठा या, और अबीहू, एलीआजार और ईतामार;
3 हारून के पुत्र, जो अभिषिक्त याजक थे, और उनका संस्कार याजक का काम करने के लिथे हुआ या उनके नाम थे ही हैं।
4 नादाब और अबीहू जिस समय सीनै के जंगल में यहोवा के सम्मुख ऊपक्की आग ले गए उसी समय यहोवा के साम्हने मर गए थे; और वे पुत्रहीन भी थे। एलीआजर और ईतामार अपके पिता हारून के साम्हने याजक का काम करते रहे।।
5 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
6 लेवी गोत्रवालोंको समीप ले आकर हारून याजक के साम्हने खड़ा कर, कि वे उसकी सेवा टहल करें।
7 और जो कुछ उसकी ओर से और सारी मण्डली की ओर से उन्हें सौंपा जाए उसकी रझा वे मिलापवाले तम्बू के सामहने करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें;
8 वे मिलापवाले तम्बू के कुल सामान की और इस्त्राएलियोंकी सौंपी हुई वस्तुओं की भी रझा करें, इस प्रकार वे तम्बू की सेवा करें।
9 और तू लेवियोंको हारून और उसके पुत्रोंको सौंप दे; और वे इस्त्राएलियोंकी ओर से हारून को सम्पूर्ण रीति से अर्पण किए हुए हों।
10 और हारून और उसके पुत्रोंको याजक के पद पर नियुक्त कर, और वे अपके याजकपद की रझा किया करें; और यदि अन्य मनुष्य समीप आए, तो वह मार डाला जाए।।
11 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
12 सुन इस्त्राएली स्त्रियोंके सब पहिलौठोंकी सन्ती मैं इस्त्राएलियोंमें से लेवियोंको ले लेता हूं; सो लेवीय मेरे ही हों।
13 सब पहिलौठे मेरे हैं; क्योंकि जिस दिन मैं ने मिस्र देश में के सब पहिलौठोंको मारा, उसी दिन मैं ने क्या मनुष्य क्या पशु इस्त्राएलियोंके सब पहिलौठोंको अपके लिथे पवित्र ठहराया; इसलिथे वे मेरे ही ठहरेंगे; मैं यहोवा हूं।।
14 फिर यहोवा ने सीनै के जंगल में मूसा से कहा,
15 लेवियोंमें से जितने पुरूष एक महीने वा उस से अधिक अवस्या के होंउनको उनके पितरोंके घरानोंऔर उनके कुलोंके अनुसार गिन ले।
16 यह आज्ञा पाकर मूसा ने यहोवा के कहे के अनुसार उनको गिन लिया।
17 लेवी के पुत्रोंके नाम थे हैं, अर्यात् गेर्शोन, कहात, और मरारी।
18 और गेर्शोन के पुत्र जिन से उसके कुल चले उनके नाम थे हैं, अर्यात् लिब्नी और शिमी।
19 कहात के पुत्र जिन से उसके कुल चले उनके नाम थे हैं, अर्यात् अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, और उज्जीएल।
20 और मरारी के पुत्र जिन से उसके कुल चले उनके नाम थे हैं, अर्यात् महली और मूशी। थे लेवियोंके कुल अपके पितरोंके घरानोंके अनुसार हैं।।
21 गेर्शोन से लिब्नियोंऔर शिमियोंके कुल चले; गेर्शोनवंशियोंके कुल थे ही हैं।
22 इन में से जितने पुरूषोंकी अवस्या एक महीने की वा उस से अधिक यी, उन सभोंकी गिनती साढ़े सात हजार यी।
23 गेर्शोनवाले कुल निवास के पीछे पच्छिम की ओर अपके डेरे डाला करें;
24 और गेर्शोनियोंके मूलपुरूष से घराने का प्रधान लाएल का पुत्र एल्यासाप हो।
25 और मिलापवाले तम्बू की जो वस्तुएं गेर्शोनवंशियोंको सौंपी जाएं वे थे हों, अर्यात् निवास और तम्बू, और उसका ओहार, और मिलापवाले तम्बू से द्वार का पर्दा,
26 और जो आंगन निवास और वेदी की चारोंओर है उसके पर्दे, और उसके द्वार का पर्दा, और सब डोरियां जो उस में काम आती हैं।।
27 फिर कहात से अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों, और उज्जीएलियोंके कुल चले; कहातियोंके कुल थे ही हैं।
28 उन में से जितने पुरूषोंकी अवस्या एक महीने की वा उस से अधिक यी उनकी गिनती आठ हजार छ: सौ यी। वे पवित्र स्यान की रझा के उत्तरदायी थे।
29 कहातियोंके कुल निवास की उस अलंग पर अपके डेरे डाला करें जो दक्खिन की ओर है;
30 और कहातवाले कुलोंसे मूलपुरूष के घराने का प्रधान उज्जीएल का पुत्र एलीसापान हो।
31 और जो वस्तुएं उनको सौंपी जाएं वे सन्दूक, मेज़, दीवट, वेदियां, और पवित्रस्यान का वह सामान जिस से सेवा टहल होती है, और पर्दा; निदान पवित्रस्यान में काम में आनेवाला सारा सामान हो।
32 और लेवियोंके प्रधानोंका प्रधान हारून याजक का पुत्र एलीआजार हो, और जो लोग पवित्रस्यान की सौंपी हुई वस्तुओं की रझा करेंगे उन पर वही मुखिया ठहरे।।
33 फिर मरारी से महलियोंऔर मूशियोंके कुल चले; मरारी के कुल थे ही हैं।
34 इन में से जितने पुरूषोंकी अवस्या एक महीने की वा उस से अधिक यी उन सभोंकी गिनती छ: हजार दो सौ यी।
35 और मरारी के कुलोंके मूलपुरूष के घराने का प्रधान अबीहैल का पुत्र सूरीएल हो; थे लोग निवास के उत्तर की ओर अपके डेरे खड़े करें।
36 और जो वस्तुएं मरारीवंशियोंको सौंपी जाएं कि वे उनकी रझा करें, वे निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, कुसिर्यां, और सारा सामान; निदान जो कुछ उसके बरतने में काम आए;
37 और चारोंओर के आंगन के खम्भे, और उनकी कुसिर्यां, खूंटे और डोरियां हों।
38 और जो मिलापवाले तम्बू के साम्हने, अर्यात् निवास के साम्हने, पूरब की ओर जहां से सूर्योदय होता है, अपके डेरे डाला करें, वे मूसा और हारून और उसके पुत्रोंके डेरे हों, और पवित्रस्यान की रखवाली इस्त्राएलियोंके बदले वे ही किया करें, और दूसरा जो कोई उसके समीप आए वह मार डाला जाए।
39 यहोवा की इस आज्ञा को पाकर एक महीने की वा उस से अधिक अवस्यावाले जितने लेवीय पुरूषोंको मूसा और हारून ने उनके कुलोंके अनुसार गिन लिया, वे सब के सब बाईस हजार थे।।
40 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, इस्त्राएलियोंके जितने पहिलौठे पुरूषोंकी अवस्या एक महीने की वा उस से अधिक है, उन सभोंको नाम ले लेकर गिन ले।
41 और मेरे लिथे इस्त्राएलियोंके सब पहिलौठोंकी सन्ती लेवियोंको, और इस्त्राएलियोंके पशुओं के सब पहिलौठोंकी सन्ती लेवियोंके पशुओं को ले; मैं यहोवा हूं।
42 यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार मूसा ने इस्त्राएलियोंके सब पहिलौठोंको गिन लिया।
43 और सब पहिलौठे पुरूष जिनकी अवस्या एक महीने की वा उस से अधिक यी, उनके नामोंकी गिनती बाईस हजार दो सौ तिहत्तर यी।।
44 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
45 इस्त्राएलियोंके सब पहिलौठोंकी सन्ती लेवियोंको, और उनके पशुओं की सन्ती लेवियोंके पशुओं को ले; और लेवीय मेरे ही हों; मैं यहोवा हूं।
46 और इस्त्राएलियोंके पहिलौठोंमे से जो दो सौ तिहत्तर गिनती में लेवियोंसे अधिक हैं, उनके छुड़ाने के लिथे,
47 पुरूष पीछे पांच शेकेल ले; वे पवित्रस्यान के शेकेल के हिसाब से हों, अर्यात् बीस गेरा का शेकेल हो।
48 और जो रूपया उन अधिक पहिलौठोंकी छुडौती का होगा उसे हारून और उसके पुत्रोंको दे देना।
49 और जो इस्त्राएली पहिलौठे लेवियोंके द्वारा छुड़ाए हुओं से अधिक थे उनके हाथ से मूसा ने छुड़ौती का रूपया लिया।
50 और एक हजार तीन सौ पैंसठ शैकेल रूपया पवित्रस्यान के शेकेल के हिसाब से वसूल हुआ।
51 और यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा ने छुड़ाए हुओं का रूपया हारून और उसके पुत्रोंको दे दिया।।