1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 हारून को समझाकर यह कह, कि जब जब तू दीपकोंको बारे तब तब सातोंदीपक का प्रकाश दीवट के साम्हने हो।
3 निदान हारून ने वैसा ही किया, अर्यात् जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी यी उसी के अनुसार उस ने दीपकोंको बारा, कि वे दीवट के साम्हने उजियाला दे।
4 और दीवट की बनावट यह यी, अर्यात् यह पाए से लेकर फूलोंतक गढ़े हुए सोने का बनाया गया या; जो नमूना यहोवा ने मूसा को दिखलाया या उसी के अनुसार उस ने दीवट को बनाया।।
5 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
6 इस्त्राएलियोंके मध्य में से लेवियोंको अलग लेकर शुद्ध कर।
7 उन्हें शुद्ध करने के लिथे तू ऐसा कर, कि पावन करने वाला जल उन पर छिड़क दे, फिर वे सर्वांग मुण्डन कराएं, और वस्त्र धोएं, और वे अपके को स्वचछ करें।
8 तब वे तेल से सने हुए मैदे के अन्नबलि समेत एक बछड़ा ले लें, और तू पापबलि के लिथे एक दूसरा बछड़ा लेना।
9 और तू लेवियोंको मिलापवाले तम्बू के साम्हने समीप पहुंचाना, और इस्त्राएलियोंकी सारी मण्डली को इकट्ठा करना।
10 तब तू लेवियोंको यहोवा के आगे समीप ले आना, और इस्त्राएली अपके अपके हाथ उन पर रखें,
11 तब हारून लेवियोंको यहोवा के साम्हने इस्त्राएलियोंकी ओर से हिलाई हुई भेंट करके अर्पण करे, कि वे यहोवा की सेवा करनेवाले ठहरें।
12 और लेवीय अपके अपके हाथ उन बछड़ोंके सिरोंपर रखें; तब तू लेवियोंके लिथे प्रायश्चित्त करने को एक बछड़ा पापबलि और दूसरा होमबलि करके यहोवा के लिथे चढ़ाना।
13 और लेवियोंको हारून और उसके पुत्रोंके सम्मुख खड़ा करना, और उनको हिलाने की भेंट के लिथे यहोवा को अपर्ण करना।
14 और उन्हें इस्त्राएलियोंमें से अलग करना, सो वे मेरे ही ठहरेंगे।
15 और जब तू लेवियोंको शुद्ध करके हिलाई हुई भेंट के लिथे अर्पण कर चुके, उसके बाद वे मिलापवाले तम्बू सम्बन्धी सेवा टहल करने के लिथे अन्दर आया करें।
16 क्योंकि वे इस्त्राएलियोंमे से मुझे पूरी रीति से अर्पण किए हुए हैं; मै ने उनको सब इस्त्राएलियोंमें से एक एक स्त्री के पहिलौठे की सन्ती अपना कर लिया है।
17 इस्त्राएलियोंके पहिलौठे, चाहे मनुष्य के होंचाहे पशु के, सब मेरे हैं; क्योंकि मैं ने उन्हें उस समय अपके लिथे पवित्र ठहराया जब मैं ने मिस्र देश के सब पहिलौठोंको मार डाला।
18 और मैं ने इस्त्राएलियोंके सब पहिलौठोंके बदले लेवियोंको लिया है।
19 उन्हे लेकर मै ने हारून और उसके पुत्रोंको इस्त्राएलियोंमें से दान करके दे दिया है, कि वे मिलापवाले तम्बू में इस्त्राएलियोंके निमित्त सेवकाई और प्रायश्चित्त किया करें, कहीं ऐसा न हो कि जब इस्त्राएली पवित्रस्यान के समीप आएं तब उन पर कोई महाविपत्ति आ पके।
20 लेवियोंके विषय यहोवा की यह आज्ञा पाकर मूसा और हारून और इस्त्राएलियोंकी सारी मण्डली ने उनके साय ठीक वैसा ही किया।
21 लेवियोंने तो अपके को पाप से पावन किया, और अपके वोंको धो डाला; और हारून ने उन्हें यहोवा के साम्हने हिलाई हुई भेंट के निमित्त अर्पण किया, और उन्हें शुद्ध करने को उनके लिथे प्रायश्चित्त भी किया।
22 और उसके बाद लेवीय हारून और उसके पुत्रोंके साम्हने मिलापवाले तम्बू में अपक्की अपक्की सेवकाई करने को गए; और जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को लेवियोंके विषय में दी यी उसी के अनुसार वे उन से व्यवहार करने लगे।।
23 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
24 जो लेवियोंको करना है वह यह है, कि पच्चक्कीस वर्ष की अवस्या से लेकर उस से अधिक आयु में वे मिलापवाले तम्बू सम्बन्धी काम करने के लिथे भीतर उपस्यित हुआ करें;
25 और जब पचास वर्ष के होंतो फिर उस सेवा के लिथे न आए और न काम करें;
26 परन्तु वे अपके भाई बन्धुओं के साय मिलापवाले तम्बू के पास रझा का काम किया करें, और किसी प्रकार की सेवकाई न करें। लेवियोंको जो जो काम सौंपे जाएं उनके विषय तू उन से ऐसा ही करना।।