1 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
2 लेवियोंमें से कहातियोंकी, उनके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार, गिनती करो,
3 अर्यात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्यावालोंकी सेना में, जितने मिलापवाले तम्बू में कामकाज करने को भरती हैं।
4 और मिलापवाले तम्बू में परमपवित्र वस्तुओं के विषय कहातियोंका यह काम होगा,
5 अर्यात् जब जब छावनी का कूच हो तब तब हारून और उसके पुत्र भीतर आकर, बीचवाले पर्दे को उतार के उस से साझीपत्र के सन्दूक को ढंाप दें;
6 तब वे उस पर सूइसोंकी खालोंका ओहार डालें, और उसके ऊपर सम्पूर्ण नीले रंग का कपड़ा डालें, और सन्दूक में डण्डोंको लगाएं।
7 फिर भेंटवाली रोटी की मेज़ पर नीला कपड़ा बिछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करवों, और उंडेलने के कटोरोंको रखें; और नित्य की रोटी भी उस पर हो;
8 तब वे उन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसको सुइसोंकी खालोंके ओहार से ढ़ापे, और मेज़ के डण्डोंको लगा दें।
9 फिर वे नीले रंग का कपड़ा लेकर दीपकों, गलतराशों, और गुलदानोंसमेत उजियाला देनेवाले दीवट को, और उसके सब तेल के पात्रोंको जिन से उसकी सेवा टहल होती है ढांपे;
10 तब वे सारे सामान समेत दीवट को सूइसोंकी खालोंके ओहार के भीतर रखकर डण्डे पर धर दें।
11 फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सूइसोंकी खालोंके ओहार के भीतर रखकर डण्डे पर धर दें।
12 तब वे सेवा टहल के सारे सामान को लेकर, जिस से पवित्रस्यान में सेवा टहल होली है, नीले कपके के भीतर रखकर सूइसोंकी खालोंके ओहार से ढांपे, और डण्डे पर धर दें।
13 फिर वे वेदी पर से सब राख उठाकर वेदी पर बैंजनी रंग का कपड़ा बिछाएं;
14 तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्यात् उसके करछे, कांटे, फावडिय़ां, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सूइसोंकी खालोंका ओहार बिछाकर वेदी में डण्डोंको लगाएं।
15 और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्यान और उसके सारे सामान को ढंाप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिथे आएं, पर किसी पवित्र वस्तु को न छुएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं। कहातियोंके उठाने के लिथे मिलापवाले तम्बू की थे ही वस्तुएं हैं।
16 और जो वस्तुएं हारून याजक के पुत्र एलीजार को रझा के लिथे सौंपी जाएं वे थे हैं, अर्यात् उजियाला देने के लिथे तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उस में की सब वस्तुएं, और पवित्रस्यान और उसके कुल समान।।
17 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
18 कहातियोंके कुलोंके गोत्रियोंको लेवियोंमें से नाश न होने देना;
19 उसके साय ऐसा करो, कि जब वे परमपवित्र वस्तुओं के समीप आएं तब न मरें परन्तु जीवित रहें; अर्यात् हारून और उसके पुत्र भीतर आकर एक एक के लिथे उसकी सेवकाई और उसका भार ठहरा दें,
20 और वे पवित्र वस्तुओं के देखने को झण भर के लिथे भी भीतर आने न पाएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं।।
21 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
22 गेर्शोनियोंकी भी गिनती उनके पितरोंके घरानोंऔर कुलोंके अनुसार कर;
23 तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्यावाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को सेना में भरती होंउन सभोंको गिन ले।
24 सेवा करने और भार उठाने में गेर्शोनियोंके कुलवालोंकी यह सेवकाई हो;
25 अर्यात् वे निवास के पटों, और मिलापवाले तम्बू और उसके ओहार, और इसके ऊपरवाले सूइसोंकी खालोंके ओहार, और मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे,
26 और निवास, और वेदी की चारोंओर के आंगन के पर्दों, और आंगन के द्वार के पर्दे, और उनकी डोरियों, और उन में बरतने के सारे सामान, इन सभोंको वे उठाया करें; और इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए।
27 और गेर्शोनियोंके वंश की सारी सेवकाई हारून और उसके पुत्रोंके कहने से हुआ करे, अर्यात् जो कुछ उनको उठाना, और जो जो सेवकाई उनको करनी हो, उनका सारा भार तुम ही उन्हें सौपा करो।
28 मिलापवाले तम्बू में गेर्शोनियोंके कुलोंकी यही सेवकाई ठहरे; और उन पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिक्कारने रखे।।
29 फिर मरारियोंको भी तू उनके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार गिन लें;
30 तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्यावाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवा करने को सेना में भरती हों, उन सभोंको गिन ले।
31 और मिलापवाले तम्बू में की जिन वस्तुओं के उठाने की सेवकाई उनको मिले वे थे हों, अर्यात् निवास के तख्ते, बेड़े, खम्भे, और कुसिर्यां,
32 और चारोंओर आंगन के खम्भे, और इनकी कुसिर्यां, खूंटे, डोरियां, और भांति भांति के बरतने का सारा सामान; और जो जो सामान ढ़ोने के लिथे उनको सौपा जाए उस में से एक एक वस्तु का नाम लेकर तुम गिन दो।
33 मरारियोंके कुलोंकी सारी सेवकाई जो उन्हें मिलापवाले तम्बू के विषय करनी होगी वह यही है; वह हारून याजक के पुत्र ईतामार के अधिक्कारने में रहे।।
34 तब मूसा और हारून और मण्डली के प्रधानोंने कहातियोंके वंश को, उनके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार,
35 तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष की अवस्या के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे, उन सभोंको गिन लिया;
36 और जो अपके अपके कुल के अनुसार गिने गए वे दो हजार साढ़े सात सौ थे।
37 कहातियोंके कुलोंमें से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने वाले गिने गए वे इतने ही थे; जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी यी उसी के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।।
38 और गेर्शोनियोंमें से जो अपके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार गिने गए,
39 अर्यात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्या के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे,
40 उनकी गिनती उनके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार दो हजार छ: सौ तीस यी।
41 गेर्शोनियोंके कुलोंमें से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करनेवाले गिने गए वे इतने ही थे; यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।।
42 फिर मरारियोंके कुलोंमें से जो अपके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार गिने गए,
43 अर्यात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्या के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे,
44 उनकी गिनती उनके कुलोंके अनुसार तीन हजार दो सौ यी।
45 मरारियोंके कुलोंमें से जिनको मूसा और हारून ने, यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा के द्वारा मिली यी, गिन लिया वे इतने ही थे।।
46 लेवियोंमें से जिनको मूसा और हारून और इस्त्राएली प्रधानोंने उनके कुलोंऔर पितरोंके घरानोंके अनुसार गिन लिया,
47 अर्यात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की अवस्यावाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने का बोफ उठाने का काम करने को हाजिर होने वाले थे,
48 उन सभोंकी गिनती आठ हजार पांच सौ अस्सी यी।
49 थे अपक्की अपक्की सेवा और बोफ ढ़ोने के अनुसार यहोवा के कहने पर गए। जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी यी उसी के अनुसार वे गिने गए।।