1 हे लबानोन, आग को रास्ता दे कि वह आकर तेरे देवदारोंको भस्म करे!
2 हे सनौबरों, हाथ, हाथ, करो! क्योंकि देवदार गिर गया है और बड़े से बड़े वृझ नाश हो गए हैं! हे बाशा के बांज वृझों, हाथ, हाथ, करो! क्योंकि अगम्य वन काटा गया है!
3 चरवाहोंके हाहाकार का शब्द हो रहा है, क्योंकि उनका विभव नाश हो गया है! जवान सिंहोंका गरजना सुनाई देता है, क्योंकि यरदन के तीर का घना वन नाश किया गया है!
4 मेरे परमेश्वर यहोवा ने यह आज्ञा दी: घात हानेवाली भेड़-बकरियोंका चरवाहा हो जा।
5 उनके मोल लेनेवाले उन्हें घात करने पर भी अपके को दोषी नहीं जानते, और उनके बेचनेवाले कहते हैं, यहोवा धन्य है, हम धनी हो गए हैं; और उनके चरवाहे उन पर कुछ दया नहीं करते।
6 यहोवा की यह वाणी है, मैं इस देश के रहनेवालोंपर फिर दया न करूंगा। देखो, मैं मनुष्योंको एक दूसरे के हाथ में, और उनके राजा के हाथ में पकड़वा दूंगा; और वे इस देश को नाश करेंगे, और मैं उसके रहनेवालोंको उनके वश से न छुड़ाऊंगा।।
7 सो मैं घात होनेवाली भेड़-बकरियोंको और विशेष करके उन में से जो दीन यीं उनको चराने लगा। और मैं ने दो लाठियां लीं; एक का नाम मैं ने अनुग्रह रखा, और दूसरी का नाम एकता। इनको लिथे हुए मैं उन भेड़-बकरियोंको चराने लगा।
8 और मैं ने उनके तीनोंचरवाहोंको एक महीने में नाश कर दिया, परन्तु मैं उनके कारण अधीर या, और वे मुझे से घृणा करती यीं।
9 तब मैं ने उन से कहा, मैं तुम को न चराऊंगा। तुम में से जो मरे वह मरे, और जो नाश हो वह नाश हो, और जो बची रहें वे एक दूसरे का मांस खाएं।
10 और मैं ने अपक्की वह लाठी तोड़ डाली, जिसका नाम अनुग्रह या, कि जो वाचा मैं ने सब अन्यजातियोंके साय बान्धी यी उसे तोडूं।
11 वह उसी दिन तोड़ी गई, और इस से दीन भेड़-बकरियां जो मुझे ताकती यीं, उन्होंने जान लिया कि यह यहोवा का वचन है।
12 तब मैं ने उन से कहा, यदि तुम को अच्छा लगे तो मेरी मजदूरी दो, और नहीं तो मत दो। तब उन्होंने मेरी मजदूरी में चान्दी के तीस टुकड़े तौल दिए।
13 तब यहोवा ने मुझ से कहा, इन्हें कुम्हार के आगे फेंक दे, यह क्या ही भारी दाम है जो उन्होंने मेरा ठहराया है? तब मैं ने चान्दी के उन तीस टुकड़ोंको लेकर यहोवा के घर में कुम्हार के आगे फेंक दिया।
14 तब मैं ने अपक्की दूसरी लाठी जिस का नाम एकता या, इसलिथे तोड़ डाली कि मैं उस भाईचारे के नाते को तोड़ डालूं जो यहूदा और इस्राएल के बीच में है।।
15 तब यहोवा ने मुझ से कहा, अब तू मूढ़ चरवाहे के हयियार ले ले।
16 क्योंकि मैं इस देश में एक ऐसा चरवाहा ठहराऊंगा, जो खोई हुई को न ढूंढेगा, न तितर-बितर को इकट्ठी करेंगा, न घायलोंको चंगा करेगा, न जो भली चंगी हैं उनका पालन-पोषण करेगा, वरन मोटियोंका मांस खाएगा और उनके खुरोंको फाड़ डालेगा।
17 हाथ उस निकम्मे चरवाहे पर जो भेड़-बकरियोंको छोड़ जाता है! उसकी बांह, और दहिनी आंख दोनोंपर तलवार लगेगी, तब उसकी बांह सूख जाएगी और उसकी दहिनी आंख फूट जाएगी।।