1 हद्राक देश के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन जो दमिश्क पर भी पकेगा। क्योंकि यहोवा की दृष्टि मनुष्य जाति की, और इस्राएल के सब गोत्रोंकी ओर लगी है;
2 हमात की ओर जो दमिश्क के निकट है, और सोर और सीदोन की ओर, थे तो बहुत ही बुद्धिमान् हैं।
3 सोर ने अपके लिथे एक गढ़ बनाया, और धूलि के किनकोंकी नाईं चान्दी, और सड़कोंकी कीच के समान चोखा सोना बटोर रखा है।
4 देखो, परमेश्वर उसको औरोंके अधिक्कारने में कर देगा, और उसके घमण्ड को तोड़कर समुद्र में डाल देगा; और वह नगर आग का कौर हो जाएगा।।
5 यह देखकर अशकलोन डरेगा; अज्जा को दुख होगा, और एक्रोन भी डरेगा, क्योंकि उसकी आशा टूटेगी; और अज्जा में फिर राजा न रहेगा और अश्कलोन फिर बसी न रहेगी।
6 और अश्दोद में अनजाने लोग बसेंगे; इसी प्रकार मैं पलिश्तियोंके गर्व को तोडूंगा।
7 मैं उसके मुंह में से आहेर का लोहू और घिनौनी वस्तुएं निकाल दूंगा, तब उन में से जो बचा रहेगा, वह हमारे परमेश्वर का जन होगा, और यहूदा में अधिपति सा होगा; और एक्रोन के लोग यबूसियोंके समान बनेंगे।
8 तब मैं उस सेना के कारण जो पास से होकर जाएगी और फिर लौट आएगी, अपके भवन के आस पास छावनी किए रहूंगा, और कोई सतानेवाला फिर उनके पास से होकर न जाएगा, क्योंकि मैं थे बातें अब भी देखता हूं।।
9 हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा।
10 मैं एप्रैम के रय और यरूशलेम के घोड़े नाश करूंगा; और युद्ध के धनुष तोड़ डाले जाएंगे, और वह अन्यजातियोंसे शान्ति की बातें कहेगा; वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृय्वी के दूर दूर के देशोंतक प्रभुता करेगा।।
11 और तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लोहू के कारण, मैं ने तेरे बन्दियोंको बिना जल के गड़हे में से उबार लिया है।
12 हे आशा धरे हुए बन्दियों! गढ़ की ओर फिरो; मैं आज ही बताता हूं कि मैं तुम को बदले में दूना सुख दूंगा।
13 क्योंकि मैं ने धनुष की नाईं यहूदा को चढ़ाकर उस पर तीर की नाईं एप्रैम को लगाया है। मैं सिय्योन के निवासिक्कों यूनान के निवासियोंके विरूद्ध उभारूंगा, और उन्हें वीर की तलवार सा कर दूंगा।
14 तब यहोवा उनके ऊपर दिखाई देगा, और उसका तीर बिजली की नाईं छूटेगा; और परमेश्वर यहोवा नरसिंगा फूंककर दक्खिन देश की सी आंधी में होके चलेगा।
15 सेनाओं का यहोवा ढाल से उन्हें बचाएगा, और वे अपके शत्रुओं का नाश करेंगे, और उनके गोफन के पत्यरोंपर पांव धरेंगे; और वे पीकर ऐसा कोलाहल करेंगे जैसा लोग दाखमधु पीकर करते हैं; और वे कटोरे की नाईं वा वेदी के कोने की नाईं भरे जाएगें ।।
16 उस समय उनका परमेश्वर यहोवा उनको अपक्की प्रजारूपी भेड़-बकरियां जानकर उनका उद्धार करेगा; और वे मुकुटमणि ठहरके, उसकी भूमि से बहुत ऊंचे पर चमकते रहेंगे।
17 उसका क्या ही कुशल, और क्या ही शोभा उसकी होगी! उसके जवान लोग अन्न खाकर, और कुमारियां नया दाखमधु पीकर ह्रृष्टपुष्ट हो जाएंगी।।