1 इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का ताननेवाला, पृय्वी की नेव डालनेवाला और मनुष्य की आत्मा का रचनेवाला है, उसकी यह वाणी है,
2 देखो, मैं यरूशलेम को चारोंओर की सब जातियोंके लिथे लड़खड़ा देने के मद का कटोरा ठहरा दूंगा; और जब यरूशलेम घेर लिया जाएगा तब यहूदा की दशा भी ऐसी ही होगी।
3 और उस समय पृय्वी की सारी जातियां यरूशलेम के विरूद्ध इकट्ठी होंगी, तब मैं उसको इतना भारी पत्यर बनाऊंगा, कि जो उसको उठाएंगे वे बहुत ही घायल होंगे।
4 यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं हर एक घोड़े का घबरा दूंगा, और उसके सवार को धायल करूंगा। परन्तु मैं यहूदा के घराने पर कृपादृष्टि रखूंगा, जब मैं अन्यजातियोंके सब घोड़ोंको अन्धा कर डालूंगा।
5 तब यहूदा के अधिपति सोचेंगे कि यरूशलेम के निवासी अपके परमेश्वर, सेनाओं के यहोवा की सहाथता से मेरे सहाथक बनेंगे।।
6 उस समय मैं यहूदा के अधिपतियोंको ऐसा कर दूंगा, जैसी लकड़ी के ढेर में आग भरी अंगेठी वा पूले में जलती हुई मशाल होती है, अर्यात् वे दहिने बांए चारोंओर के सब लोगोंको भस्म कर डालेंगे; और यरूशलेम जहां अब बसी है, वहीं बसी रहेगी, यरूशलेम में।।
7 और हे यहोवा पहिले यहूदा के तम्बुओं का उद्धार करेगा, कहीं ऐसा न हो कि दाऊद का घराना और यरूशलेम के निवासी अपके अपके विभव के कारण यहूदा के विरूद्ध बढ़ाई मारें।
8 उस समय यहोवा यरूशलेम के निवासिक्कों मानो ढाल से बचा लेगा, और उस सकय उन में से जो ठोकर खानेवाला हो वह दाऊद के समान होगा; और दाऊद का घराना परमेश्वर के समान होगा, अर्यात् यहोवा के उस दूत के समान जो उनके आगे आगे चलता या।
9 और उस समय मैं उन सब जातियोंको नाश करने का यत्न करूंगा जो यरूशलेम पर चढ़ाई करेंगी।।
10 और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियोंपर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्यना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूंगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्यात् जिसे उन्होंने बेधा है, और उसके लिथे ऐसे रोएंगे जैसे एकलौते पुत्र के लिथे रोते-पीटते हैं, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिथे करते हैं।
11 उस समय यरूशलेम में इतना रोना-पीटना होगा जैसा मगिद्दोन की तराई में हदद्रिम्मोन में हुआ या।
12 सारे देश में विलाप होगा, हर एक परिवार में अलग अलग; अर्यात् दाऊद के घराने का परिवार अलग, और उनकी स्त्रियां अलग; नातान के घराने का परिवार अलग, और उनकी स्त्रियां अलग;
13 लेवी के घराने का परिवार अलग और उनकी स्त्रियां अलग; शिमियोंका परिवार अलग; और उनकी स्त्रियां अलग;
14 और जितने परिवार रह गए होंहर एक परिवार अलग और उनकी स्त्रियां भी अलग अलग;