1 नूह के पुत्र जो शेम, हाम और थेपेत थे उनके पुत्र जलप्रलय के पश्चात् उत्पन्न हुए : उनकी वंशावली यह है।।
2 थेपेत के पुत्र : गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक, और तीरास हुए।
3 और गोमेर के पुत्र : अशकनज, रीपत, और तोगर्मा हुए।
4 और यावान के वंश में एलीशा, और तर्शीश, और कित्ती, और दोदानी लोग हुए।
5 इनके वंश अन्यजातियोंके द्वीपोंके देशोंमें ऐसे बंट गए, कि वे भिन्न भिन्न भाषाओं, कुलों, और जातियोंके अनुसार अलग अलग हो गए।।
6 फिर हाम के पुत्र : कूश, और मिस्र, और फूत और कनान हुए।
7 और कूश के पुत्र सबा, हवीला, सबता, रामा, और सबूतका हुए : और रामा के पुत्र शबा और ददान हुए।
8 और कूश के वंश में निम्रोद भी हुआ; पृय्वी पर पहिला वीर वही हुआ है।
9 वही यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला ठहरा, इस से यह कहावत चक्की है; कि निम्रोद के समान यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला।
10 और उसके राज्य का आरम्भ शिनार देश में बाबुल, अक्कद, और कलने हुआ।
11 उस देश से वह निकलकर अश्शूर् को गया, और नीनवे, रहोबोतीर, और कालह को,
12 और नीनवे और कालह के बीच रेसेन है, उसे भी बसाया, बड़ा नगर यही है।
13 और मिस्र के वंश में लूदी, अनामी, लहाबी, नप्तूही,
14 और पत्रुसी, कसलूही, और कप्तोरी लोग हुए, कसलूहियोंमे से तो पलिश्ती लोग निकले।।
15 फिर कनान के वंश में उसका ज्थेष्ठ सीदोन, तब हित्त,
16 और यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी,
17 हिव्वी, अर्की, सीनी,
18 अर्वदी, समारी, और हमाती लोग भी हुए : फिर कनानियोंके कुल भी फैल गए।
19 और कनानियोंका सिवाना सीदोन से लेकर गरार के मार्ग से होकर अज्जा तक और फिर सदोम और अमोरा और अदमा और सबोयीम के मार्ग से होकर लाशा तक हुआ।
20 हाम के वंश में थे ही हुए; और थे भिन्न भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों, और जातियोंके अनुसार अलग अलग हो गए।।
21 फिर शेम, जो सब एबेरवंशियोंका मूलपुरूष हुआ, और जो थेपेत का ज्थेष्ठ भाई या, उसके भी पुत्र उत्पन्न हुए।
22 शेम के पुत्र : एलाम, अश्शूर्, अर्पझद्, लूद और आराम हुए।
23 और आराम के पुत्र : ऊस, हूल, गेतेर और मश हुए।
24 और अर्पझद् ने शेलह को, और शेलह ने एबेर को जन्म दिया।
25 और एबेर के दो पुत्र उत्पन्न हुए, एक का नाम पेलेग इस कारण रखा गया कि उसके दिनोंमें पृय्वी बंट गई, और उसके भाई का नाम योक्तान है।
26 और योक्तान ने अल्मोदाद, शेलेप, हसर्मावेत, थेरह,
27 यदोरवाम, ऊजाल, दिक्ला,
28 ओबाल, अबीमाएल, शबा,
29 ओपीर, हवीला, और योबाब को जन्म दिया : थे ही सब योक्तान के पुत्र हुए।
30 इनके रहने का स्यान मेशा से लेकर सपारा जो पूर्व में एक पहाड़ है, उसके मार्ग तक हुआ।
31 शेम के पुत्र थे ही हुए; और थे भिन्न भिन्न कुलों, भाषाओं, देशोंऔर जातियोंके अनुसार अलग अलग हो गए।।
32 नूह के पुत्रोंके घराने थे ही हैं : और उनकी जातियोंके अनुसार उनकी वंशावलियां थे ही हैं; और जलप्रलय के पश्चात् पृय्वी भर की जातियां इन्हीं में से होकर बंट गई।।