1 यहोशू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया; और यहोवा ने उस से कहा, तू बूढ़ा और बहुत उम्र का हो गया है, और बहुत देश रह गए हैं, जो इस्राएल के अधिक्कारने में अभी तक नहीं आए।
2 थे देश रह गए हैं, अर्यात् पलिश्तियोंका सारा प्रान्त, और सारे गशूरी
3 (मिस्र के आगे शीहोर से लेकर उत्तर की ओर एक्रोन के सिवाने तक जो कनानियोंका भाग गिना जाता है; और पलिश्िितयोंके पांचोंसरदार, अर्यात् अज्जा, अशदोद, अशकलोन, गत, और एक्रोन के लोग), और दक्खिनी ओर अव्वी भी,
4 फिर अपेक और एमोरियोंके सिवाने तक कनानियो का सारा देश और सीदोनियोंका मारा नाम देश,
5 फिर गवालियोंका देश, और सूर्योदय की ओर हेर्मोन पर्वत के नीचे के बालगाद से लेकर हमात की घाटी तक सारा लबानोन,
6 फिर लबानोन से लेकर मिस्रपोतमैम तक सीदोनियोंके पहाड़ी देश के निवासी। इनको मैं इस्राएलियोंके साम्हने से निकाल दूंगा; इतना हो कि तू मेरी आज्ञा के अनुसार चिट्ठी डाल डालकर उनका देश इस्राएल को बांट दे।
7 इसलिथे तू अब इस देश को नवोंगोत्रोंऔर मनश्शे के आधे गोत्र को उनका भाग होने के लिथे बांट दे।।
8 इसके साय रूबेनियोंऔर गादियोंको तो वह भाग मिल चुका या, जिसे मूसा ने उन्हें यरदन के पूर्व की ओर दिया या, क्योंकि यहोवा के दास मूसा ने उन्हीं को दिया या,
9 अर्यात् अर्नोन नाम नाले के किनारे के अरोएक से लेकर, और उसी नाले के बीच के नगर को छोड़कर दीबोन तक मेदवा के पास का सारा चौरस देश;
10 और अम्मोनियोंके सिवाने तक हेशबोत में विराजनेवाले एमोरियोंके राजा सीहोन के सारे नगर;
11 और गिलाद देश, और गशूरियोंऔर माकावासियोंका सिवाना, और सारा हेर्मोन पर्वत, और सल्का तक कुल बाशान,
12 फिर आशतारोत और एद्रेई में विराजनेवाले उस ओग का सारा राज्य जो रपइशें में से अकेला बच गया या; क्योंकि इन्ही को मूसा ने मारकर उनकी प्रजा को उस देश से निकाल दिया या।
13 परन्तु इस्राएलियोंने गशूरियोंऔर माकियोंको उनके देश से न निकाला; इसलिथे गशूरी और माकी इस्राएलियोंके मध्य में आज तक रहते हैं।
14 और लेवी के गोत्रियोंको उस ने कोई भाग न दिया; क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उसी के हव्य उनके लिथे भाग ठहरे हैं।
15 मूसा ने रूबेन के गोत्र को उनके कुलोंके अनुसार दिया,
16 अर्यात् अर्नोन नाम नाले के किनारे के अरोएर से लेकर और उसी नाले के बीच के नगर को छोड़कर मेदबा के पास का सारा चौरस देश;
17 फिर चौरस देश में का हेशबोन और उसके सब गांव; फिर दीबोन, बामोतबाल, बेतबाल्मोन,
18 यहसा, कदेमोत, मेपात,
19 किर्यातैम, सिबमा, और तराई में के पहाड़ पर बसा हुआ सेरेयश्शहर,
20 बेंतपोर, पिसगा की सलामी और बेत्यशीमोत,
21 निदान चौरस देश में बसे हुए हेशबोन में विराजनेवाले एमोरियोंके उस राजा सीहोन के राज्य के कुल नगर जिन्हें मूसा ने मार लिया या। मूसा ने एवी, रेकेम, सूर, हूर, और रेबा नाम मिद्दान के प्रधानोंको भी मार डाला या जो सीहोन के ठहराए हुए हाकिम और उसी देश के निवासी थे।
22 और इस्राएलियोंने उनके और मारे हुओं के साय बोर के पुत्र भावी कहनेवाले बिलाम को भी तलवार से मार डाला।
23 और रूबेनियोंका सिवाना यरदन का तीर ठहरा। रूबेनियोंका भाग उनके कुलोंके अनुसार नगरोंऔर गांवोंसमेत यही ठहरा।।
24 फिर मूसा ने गाद के गोत्रियोंको भी कुलोंके अनुसार उनका निज भाग करके बांट दिया।
25 तब यह ठहरा, अर्यात् याजेर आदि गिलाद के सारे नगर, और रब्बा के साम्हने के अरोएर तक अम्मोनियोंका आधा देश,
26 और हेशबोन से रामतमिस्पे और बतोनीम तक, और महनैम से दबीर के सिवाने तक,
27 और तराई में बेयारम, बेनिम्रा, सुक्कोत, और सापोन, और हेश्बोन के राजा सीहोन के राज्य के बचे हुए भाग, और किन्नेरेत नाम ताल के सिक्के तक, यरदन के पूर्व की ओर का वह देश जिसका सिवाना यरदन है।
28 गादियोंका भाग उनके कुलोंके अनुसार नगरोंऔर गांवोंसमेत यही ठहरा।।
29 फिर मूसा ने मनश्शे के आधे गोत्रियोंको भी उनका निज भाग कर दिया; वह मनश्शेइयोंके आधे गोत्र का निज भाग उनके कुलोंके अनुसार ठहरा।
30 वह यह है, अर्यात् महनैम से लेकर बाशान के राजा ओग के राज्य का सब देश, और बाशान में बसी हुई याईर की साठोंबस्तियां,
31 और गिलाद का आधा भाग, और अश्तारोत, और एद्रेई, जो बाशान में ओग के राज्य के नगर थे, थे मनश्शे के पुत्र माकीर के वंश का, अर्यात् माकीर के आधे वंश का निज भाग कुलोंके अनुसार ठहरे।।
32 जो भाग मूसा ने मोआब के अराबा में यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर बांट दिए वे थे ही हैं।
33 परन्तु लेवी के गोत्र को मूसा ने कोई भाग न दिया; इस्राएल का परमेश्वर यहोवा ही अपके वचन के अनुसार उनका भाग ठहरा।।