1 दूसरी चिट्ठी शमौन के नाम पर, अर्यात् शिमोनियोंके कुलोंके अनुसार उनके गोत्र के नाम पर निकली; और उनका भाग यहूदियोंके भाग के बीच में ठहरा।
2 उनके भाग में थे नगर हैं, अर्यात् बेर्शेबा, शेबा, मोलादा,
3 हसर्शूआल, बाला, एसेम,
4 एलतोलद, बतूल, होर्मा,
5 बेतलबाओत, और शारूहेन; थे तेरह नगर और इनके गांव उन्हें मिले।
6 बेतलबाओत, और शारूहेन; थे तेरह नगर और इनके गांव उन्हें मिले।
7 फिर ऐन, रिम्मोन, ऐतेर, और आशान, थे चार नगर गांवोंसमेत;
8 और बालत्बेर जो दिक्खन देश का रामा भी कहलाता है, वहां तक इन नगरोंके चारोंओर के सब गांव भी उन्हें मिले। शिमानियोंके गोत्र का भाग उनके कुलोंके अनुसार यही ठहरा।
9 शिमोनियोंका भाग तो यहूदियोंके अंश में से दिया गया; क्योंकि यहूदियोंका भाग उनके लिथे बहुत या, इस कारण शिमोनियोंका भाग उन्हीं के भाग के बीच ठहरा।।
10 तीसरी चिट्ठी जबूलूनियोंके कुलोंके अनुसार उनके नाम पर निकली। और उनके भाग का सिवाना सारीद तक पहुंचा;
11 और उनका सिवाना पश्चिम की ओर मरला को चढ़कर दब्बेशेत को पहुंचा; और योकनाम के साम्हने के नाले तक पहुंच गया;
12 फिर सारीद से वह सूर्योदय की ओर मुड़कर किसलोत्ताबोर के सिवाने तक पंहुचा, और वहां से बढ़ते बढ़ते दाबरत में निकला, और यापी की ओर जा निकला;
13 वहां से वह पूर्व की ओर आगे बढ़कर गथेपेर और इत्कासीन को गया, और उस रिम्मोन में निकला जो नेआ तक फैला हुआ है;
14 वहां से वह सिवाना उसके उत्तर की ओर से मुड़कर हन्नातोन पर पहुंचा, और यिप्तहेल की तराई में जा निकला;
15 कत्तात, नहलाल, शिभ्रोन, यिदला, और बेतलेहम; थे बारह नगर उनके गांवोंसमेत उसी भाग के ठहरे।
16 जबूलूनियोंका भाग उनके कुलोंके अनुसार यही ठहरा; और उस में अपके अपके गांवोंसमेत थे ही नगर हैं।।
17 चौयी चिट्ठी इस्साकारियोंके कुलोंके अनुसार उनके नाम पर निकली।
18 और उनका सिवाना यिज्रेल, कसुल्लोत, शूनेम
19 हपारैम, शीओन, अनाहरत,
20 रब्बीत, किश्योत, एबेस,
21 रेमेत, एनगन्नीम, एनहद्दा, और बेत्पस्सेस तक पहुंचा।
22 फिर वह सिवाना ताबोर-शहसूमा और बेतशेमेश तक पहुंचा, और उनका सिवाना यरदन नदी पर जा निकला; इस प्रकार उनको सोलह नगर अपके अपके गांवोंसमेत मिले।
23 कुलोंके अनुसार इस्साकारियोंके गोत्र का भाग नगरोंऔर गांवोंसमेत यही ठहरा।।
24 पांचक्कीं चिट्ठी आशेरियोंके गोत्र के कुलोंके अनुसार उनके नाम पर निकली।
25 उनके सिवाने में हेल्कत, हली, बेतेन, अझाप,
26 अलाम्मेल्लेक, अमाद, और मिशाल थे; और वह पश्चिम की ओर कार्म्मेल तक और शाहोलिर्ब्नात तक पहुंचा;
27 फिर वह सूर्योदय की ओर मुड़कर बेतदागोन को गया, और जबलून के भाग तक, और यिप्तहेल की तराई में उत्तर की ओर होकर बेतेमेक और नीएल तक पहुंचा और उत्तर की ओर जाकर काबूल पर निकला,
28 और वह एब्रोन, रहोब, हम्मोन, और काना से होकर बड़े सीदोन को पहुंचा;
29 वहां से वह सिवाना मुड़कर रामा से होते हुए सोन नाम गढ़वाले नगर तक चला गया; फिर सिवाना होसा की ओर मुड़कर और अकजीब के पास के देश में होकर समुद्र पर निकला,
30 उम्मा, अपेक, और रहोब भी उनके भाग में ठहरे; इस प्रकार बाईस नगर अपके अपके गांवोंसमेत उनको मिले।
31 कुलोंके अनुसार आशेरियोंके गोत्र का भाग नगरोंऔर गांवोंसमेत यही ठहरा।।
32 छठवीं चिट्ठी नप्तालियोंके कुलोंके अनुसार उनके नाम पर निकली।
33 और उनका सिवाना हेलेप से, और सानन्नीम में के बांज वृझ से, अदामीनेकेब और यब्नेल से होकर, और लक्कूम को जाकर यरदन पर निकला;
34 वहां से वह सिवाना पश्चिम की ओर मुड़कर अजनोत्ताबोर को गया, और वहां से हुक्कोक को गया, और दक्खिन, और जबूलून के भाग तक, और पश्चिम की ओर आशेर के भाग तक, और सूर्योदय की ओर यहूदा के भाग के पास की यरदन नदी पर पहुंचा।
35 और उनके गढ़वाले नगर थे हैं, अर्यात् सिद्दीम, सेर, हम्मत, रक्कत, किन्नेरेत,
36 अदामा, रामा, हासोर,
37 केदेश, एद्रेई, एन्हासेर,
38 यिरोन, मिगदलेल, होरेम, बेतनात, और बेतशेमेश; थे उन्नीस नगर गांवोंसमेत उनको मिले।
39 कुलोंके अुनसार नप्तालियोंके गोत्र का भाग नगरोंऔर उनके गांवोंसमेत यही ठहरा।।
40 सातवीं चिट्ठी कुलोंके अनुसार दानियोंके गोत्र के नाम पर निकली।
41 और उनके भाग के सिवाने में सोरा, एशताओल, ईरशमेश,
42 शालब्बीन, अय्यालोन, यितला,
43 एलोन, तिम्ना, एक्रोन,
44 एलतके, गिब्बतोन, बालात,
45 यहूद, बनेबराक, गत्रिम्मोन,
46 मेयर्कोन, और रक्कोन ठहरे, और यापो के साम्हने का सिवाना भी उनका या।
47 और दानियोंका भाग इस से अधिक हो गया, अर्यात् दानी लेशेम पर चढ़कर उस से लड़े, और उसे लेकर तलवार से मार डाला, और उसको अपके अधिक्कारने में करके उस में बस गए, और अपके मूलपुरूष के नाम पर लेशेम का नाम दान रखा।
48 कुलोंके अुनसार दानियोंके गोत्र का भाग नगरोंऔर गांवोंसमेत यही ठहरा।।
49 जब देश का बांटा जाना सिवानोंके अनुसार निपट गया, तब इस्राएलियोंने नून के पुत्र यहोशू को भी अपके बीच में एक भाग दिया।
50 यहोवा के कहने के अनुसार उन्होंने उसको उसका मांगा हुआ नगर दिया, यह एप्रैम के पहाड़ी देश में का विम्नत्सेरह है; और वह उस नगर को बसाकर उस में रहने लगा।।
51 जो जो भाग एलीआजर याजक, और नून के पुत्र यहोशू, और इस्राएलियोंके गोत्रोंके घरानोंके पूर्वजोंके मुख्य मुख्य पुरूषोंने शीलो में, मिलापवाले तम्बू के द्वार पर, यहोवा के साम्हने चिट्ठी डाल डालके बांट दिए वे थे ही हैं। निदान उन्होंने देश विभाजन का काम निपटा दिया।।