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मत्ती - Chapter 16

1 और फरीसियोंऔर सदूकियोंने पास आकर उसे परखने के लिथे उस से कहा, कि हमें आकाश का कोई चिन्‍ह दिखा। 
2 उस ने उन को उत्तर दिया, कि सांफ को तुम कहते हो कि खुला रहेगा क्‍योंकि आकाश लाल है। 
3 और भोर को कहते हो, कि आज आन्‍धी आएगी क्‍योंकि आकाश लाल और धुमला है; तुम आकाश का लझण देखकर भेद बता सकते हो पर समयोंके चिन्‍होंको भेद नहीं बता सकते 
4 इस युग के बुरे और व्यभिचारी लोग चिन्‍ह ढूंढ़ते हैं पर यूनुस के चिन्‍ह को छोड़ कोई और चिन्‍ह उन्‍हें न दिया जाएगा, और वह उन्‍हें छोड़कर चला गया।। 
5 और चेले पार जाते समय रोटी लेना भूल गए थे। 
6 यीशु ने उन से कहा, देखो; फरीसियोंऔर सदूकियोंके खमीर से चौकस रहना। 
7 वे आपस में विचार करने लगे, कि हम तो रोटी नहीं लाए। 
8 यह जानकर, यीशु ने उन से कहा, हे अल्पविश्वासियों, तुम आपस में क्‍योंविचार करते हो कि हमारे पास रोटी नहीं 
9 क्‍या तुम अब तक नहीं समझे और उन पांच हजार की पांच रोटी स्क़रण नहीं करते, और न यह कि कितनी टोकिरयां उठाईं यीं 
10 और न उन चार हजार की सात रोटी; और न यह कि कितने टोकरे उठाए गए थे 
11 तुम क्‍योंनहीं समझते कि मैं ने तुम से रोटियोंके विषय में नहीं कहा फरीसियोंऔर सदूकियोंके खमीर से चौकस रहना। 
12 तब उन को समझ में आया, कि उस ने रोटी के खमीर से नहीं, पर फरीसियोंऔर सदूकियोंकी शिझा से चौकस रहने को कहा या। 
13 यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपके चेलोंसे पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्र को क्‍या कहते हैं 
14 उन्‍होंने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्क़ा देनेवाला कहते हैं और कितने एलिय्याह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं। 
15 उस ने उन से कहा; परन्‍तु तुम मुझे क्‍या कहते हो 
16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है। 
17 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्‍योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्‍तु मेरे पिता ने जो स्‍वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है। 
18 और मैं भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्यर पर अपक्की कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। 
19 मैं तुझे स्‍वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृय्‍वी पर बान्‍धेगा, वह स्‍वर्ग में बन्‍धेगा; और जो कुछ तू पृय्‍वी पर खोलेगा, वह स्‍वर्ग में खुलेगा। 
20 तब उस ने चेलोंको चिताया, कि किसी से न कहना! कि मैं मसीह हूं। 
21 उस समय से यीशु अपके चेलोंको बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरिनयोंऔर महाथाजकोंऔर शास्‍त्रियोंके हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं।
22 इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर फिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा। 
23 उस ने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिथे ठोकर का कारण है; क्‍योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्योंकी बातोंपर मन लगाता है। 
24 तब यीशु ने अपके चेलोंसे कहा; यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपके आप का इन्‍कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले। 
25 क्‍योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिथे अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा। 
26 यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त करे, और अपके प्राण की हाति उठाए, तो उसे क्‍या लाभ होगा या मनुष्य अपके प्राण के बदले में क्‍या देगा 
27 मनुष्य का पुत्र अपके स्‍वर्गदूतोंके साय अपके पिता की महिमा में आएगा, और उस समय वह हर एक को उसके कामोंके अनुसार प्रतिफल देगा। 
28 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं; कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्‍वाद कभी न चखेंगे।