1 तब उस समय आत्क़ा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस की पक्कीझा हो।
2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, अन्त में उसे भूख लगी।
3 तब परखनेवाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि थे पत्यर रोटियां बन जाएं।
4 उस ने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा।
5 तब इब्लीस उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया।
6 और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपके आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपके स्वर्गदूतोंको आज्ञा देगा; और वे तुझे हाथोंहाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पांवोंमें पत्यर से ठेस लगे।
7 यीशु ने उस से कहा; यह भी लिखा है, कि तू प्रभु अपके परमेश्वर की पक्कीझा न कर।
8 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका विभव दिखाकर
9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा।
10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपके परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।
11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और देखो, स्वर्गदूत आकर उस की सेवा करने लगे।।
12 जब उस ने यह सुना कि यूहन्ना पकड़वा दिया गया, तो वह गलील को चला गया।
13 और नासरत को छोड़कर कफरनहूम में जो फील के किनारे जबूलून और नपताली के देश में है जाकर रहने लगा।
14 ताकि जो यशायाह भविष्द्वक्ता के द्वारा कहा गया या, वह पूरा हो।
15 कि जबूलून और नपताली के देश, फील के मार्ग से यरदन के पास अन्यजातियोंका गलील।
16 जो लोग अन्धकार में बैठे थे उन्होंने बड़ी ज्योंति देखी; और जो मृत्यु के देश और छाया में बैठे थे, उन पर ज्योति चमकी।।
17 उस समय से यीशु प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया, कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है।
18 उस ने गलील की फील के किनारे फिरते हुए दो भाइयोंअर्यात् शमौन को जो पतरस कहलाता है, और उसके भाई अन्द्रियास को फील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछवे थे।
19 और उन से कहा, मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्योंके पकड़नेवाले बनाऊंगा।
20 वे तुरन्त जालोंको छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
21 और वहां से आगे बढ़कर, उस ने और दो भाइयोंअर्यात् जब्दी के पुत्र याकूब और उसके भाई यूहन्ना को अपके पिता जब्दी के साय नाव पर अपके जालोंको सुधारते देखा; और उन्हें भी बुलाया
22 वे तुरन्त नाव और अपके पिता को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।।
23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपकेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगोंकी हर प्रकार की बीमारी और र्दुबलता को दूर करता रहा।
24 और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारोंको, जो नाना प्रकार की बीमारियोंऔर दुखोंमें जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्क़ाएं यीं और मिर्गीवालोंऔर फोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उस ने उन्हें चंगा किया।
25 और गलील और दिकापुलिस और यरूशलेम और यहूदिया से और यरदन के पार से भीड़ की भीड़ उसके पीछे हो ली।।