1 और इस्राएल के प्रधानोंके विषय तू यह विलापक्कीत सुना,
2 तेरी माता एक कैसी सिंहनी यी ! वह सिंहोंके बीच बैठा करती और अपके बच्चोंको जवान सिंहोंके बीच पालती पोसती यी।
3 अपके बच्चोंमें से उस ने एक को पाला और वह जवान सिंह हो गया, और अहेर पकडना सीख गया; उस ने मनुष्योंको भी फाड़ खाया।
4 और जाति जाति के लोगोंने उसकी चर्चा सुनी, और उसे अपके खोदे हुए गड़हे में फंसाया; और उसके नकेल डालकर उसे मिस्र देश में ले गए।
5 जब उसकी मां ने देखा कि वह धीरज धरे रही तौभी उसकी आशा टूट गई, तब अपके एक और बच्चे को लेकर उसे जवान सिंह कर दिया।
6 तब वह जवान सिंह होकर सिंहोंके बीच चलने फिरने लगा, और वह भी अहेर पकड़ना सीख गया; और मनुष्योंको भी फाड़ खाया।
7 और उस ने उनके भवनोंको बिगाड़ा, और उनके नगरोंको उजाड़ा वरन उसके गरजने के डर के मारे देश और जो कुछ उस में या सब उजड़ गया।
8 तब चारोंओर के जाति जाति के लोग अपके अपके प्रान्त से उसके विरुद्ध निकल आए, और उसके लिथे जाल लगाया; और वह उनके खोदे हुए गड़हे में फंस गया।
9 तब वे उसके नकेल डालकर और कठघरे में बन्द करके बाबुल के राजा के पास ले गए, और गढ़ में बन्द किया, कि उसका बोल इस्राएल के पहाड़ी देश में फिर सुनाई न दे।
10 तेरी माता जिस से तू अत्पन्न हुआ, वह तीर पर लगी हुई दाखलता के समान यी, और गहिरे जल के कारण फलोंऔर शाखाओं से भरी हुई यी।
11 और प्रभुता करनेवालोंके राजदणडोंके लिथे उस में मोटी मोटी टहनियां यीं; और उसकी ऊंचाई्र इतनी इुई कि वह बादलोंके बीच तक पहुंची; और अपक्की बहुत सी डालियोंसमेत बहुत ही लम्बी दिखाई पक्की।
12 तौभी वह जलजलाहट के साय उखाड़कर भूमि पर गिराई गई, और उसके फल पुरवाई हवा के लगने से सूख गए; और उसकी मोटी टहनियां टूटकर सूख गई; और वे आग से भस्म हो गई।
13 अब वह जंगल में, वरन निर्जल देश में लगाई गई है।
14 और उसकी शाखाओं की टहनियोंमें से आग निकली, जिस से उसके फल भस्म हो गए, और प्रभुता करने के योग्य राजदण्ड के लिथे उस में अब कोई मोटी टहनी न रही। यही विलापक्कीत है, और यह विलापक्कीत बना रहेगा।