1 यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई, और वह मुझ में अपना आत्मा समवाकर बाहर ले गया और मुझे तराई के बीच खड़ा कर दिया; वह तराई हड्डियोंसे भरी हुई यी।
2 तब उस ने मुझे उनके चारोंओर घुमाया, और तराई की तह पर बहुत ही हड्डियोंयीं; और वे बहुत सूखी यीं।
3 तब उस ने मुझ से पूछा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या थे हड्डियां जी सकती हैं? मैं ने कहा, हे परमेश्वर यहोवा, तू ही जानता है।
4 तब उस ने मुझ से कहा, इन हड्डियोंसे भविष्यद्वाणी करके कह, हे सूखी हड्डियो, यहोवा का वचन सुनो।
5 परमेश्वर यहोवा तुम हड्डियोंसे योंकहता हे, देखो, मैं आप तुम में सांस समवाऊंगा, और तुम जी उठोगी।
6 और मैं तुम्हारी नसें उपजाकर मांस चढ़ाऊंगा, और तुम को चमड़े से ढांपूंगा; और तुम में सांस समवाऊंगा और तुम जी जाओगी; और तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
7 इस आज्ञा के अनुसार मैं भविष्यद्वाणी करने लगा; और मैं भविष्यद्वाणी कर ही रहा या, कि एक आहट आई, और भुईडोल हुआ, और वे हड्डियां इकट्ठी होकर हड्डी से हड्डी जुड़ गई।
8 और मैं देखता रहा, कि उन में नसें उत्पन्न हुई और मांस चढ़ा, और वे ऊपर चमड़े से ढंप गई; परन्तु उन में सांस कुछ न यी।
9 तब उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान सांस से भविष्यद्वाणी कर, और सांस से भविष्यद्वाणी करके कह, हे सांस, परमेश्वर यहोवा योंकहता है कि चारोंदिशाओं से आकर इन घात किए हुओं में समा जा कि थे जी उठें।
10 उसकी इस आज्ञा के अनुसार मैं ने भविष्यद्वाणी की, तब सांस उन में आ गई, ओर वे जीकर अपके अपके पांवोंके बल खड़े हो गए; और एक बहुत बड़ी सेना हो गई।
11 फिर उस ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, थे हड्डियां इस्राएल के सारे घराने की उपमा हैं। वे कहत हैं, हमारी हड्डियां सूख गई, और हमारी आशा जाती रही; हम पूरी रीति से कट चूके हैं।
12 इस कारण भविष्यद्वाणी करके उन से कह, परमेश्वर यहोवा योंकहता है, हे मेरी प्रजा के लोगो, देखो, मैं तुमहारी कबरें खोलकर तुम को उन से निकालूंगा, और इस्राएल के देश में पहुंचा दूंगा।
13 सो जब मैं तुमहारी कबरें खोलूं, और तुम को उन से निकालूं, तब हे मेरी प्रजा के लोगो, तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
14 और मैं तुम में अपना आत्मा समवाऊंगा, और तुम जीओगे, और तुम को तुम्हारे निज देश में बसाऊंगा; तब तुम जान लोगे कि मुझ यहोवा ही ने यह कहा, और किया भी है, यहोवा की यही वाणी है।
15 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
16 हे मनुष्य के सन्तान, एक लकड़ी लेकर उस पर लिख, यहूदा की और उसके संगी इस्राएलियोंकी; तब दूसरी लकड़ी लेकर उस पर लिख, यूसुफ की अर्यात् गप्रैम की, और उसके संगी इस्राएलियोंकी लकड़ी।
17 फिर उन लकडिय़ोंको एक दूसरी से जोड़कर एक ही कर ले कि वे तेरे हाथ में एक ही लकड़ी बन जाएं।
18 और जब तेरे लोग तुझ से पूछें, क्या तू हमें न बताएगा कि इन से तेरा क्या अभिप्राय है?
19 तब उन से कहना, परमेश्वर यहोवा योंकहता है, देखो, मैं यूसुफ की लकड़ी को जो एप्रैम के हाथ में है, और इस्राएल के जो गोत्र उसके संगी हैं, उनको लेकर यहूदा की लकड़ी से जोड़कर उसके साय एक ही लकड़ी कर दूंगा; और दोनोंमेरे हाथ में एक ही लकड़ी बनेंगी।
20 और जिन लकडिय़ोंपर तू ऐसा लिखेगा, वे उनके साम्हने तेरे हाथ में रहें।
21 और तू उन लोगोंसे कह, परमेश्वर यहोवा योंकहता है, देखो, मैं इस्राएलियोंको उन जातियोंमें से लेकर जिन में वे चले गए हैं, चारोंओर से इकट्ठा करूंगा; और उनके निज देश में पहुचाऊंगा।
22 और मैं उनको उस देश अर्यात् इस्राएल के पहाड़ोंपर एक ही जाति कर दूंगा; और उन सभोंका एक ही राजा होगा; और वे फिर दो न रहेंगे और न दो राज्योंमें कभी बटेंगे।
23 वे फिर अपक्की मूरतों, और घिनौने कामोंवा अपके किसी प्रकार के पाप के द्वारा अपके को अशुद्ध न करेंगे; परन्तु मैं उनको उन सब बस्तियोंसे, जहां वे पाप करते थे, निकालकर शुद्ध रूिंगा, और वे मेरी प्रजा होंगे, और मैं उनका परमेश्वर हूंगा।
24 मेरा दास दाऊद उनका राजा होगा; सो उन सभोंका एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे नियमोंपर चलेंगे और मेरी विधियोंको मानकर उनके अनुसार चलेंगे।
25 वे उस देश में रहेंगे जिसे मैं ने अपके दास याकूब को दिया या; और जिस में तुम्हारे पुरखा रहते थे, उसी में वे और उनके बेटे-पोते सदा बसे रहेंगे; और मेरा दास दाऊद सदा उनका प्रधान रहेगा।
26 मैं उनके साय शान्ति की वाचा बान्धूंगा; वह सदा की वाचा ठहरेगी; और मैं उन्हें स्यान देकर गिनती में बढ़ाऊंगा, और उनके बीच अपना पवित्रस्यान सदा बनाए रखूंगा।
27 मेरे निवास का तम्बू उनके ऊपर तना रहेगा; और मैं उनका परमेश्वर हूंगा, और वे मेरी प्रजा होंगे।
28 और जब मेरा पवित्रस्यान उनके बीच सदा के लिथे रहेगा, तब सब जातियां जान लेंगी कि मैं यहोवा इस्राएल का पवित्र करनेवाला हूँ।