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यहेजकेल - Chapter 28

1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 
2 हे मनुष्य के सन्तान, सोर के प्रधान से कह, परमेश्वर यहोवा योंकहता है कि तू ने मन में फूलकर यह कहा है, मैं ईश्वर हूँ, मैं समुद्र के बीच परमेश्वर के आसन पर बैठा हूँ, परन्तु, यद्यपि तू अपके आपको परमेश्वर सा दिखाता है, तौभी तू ईश्वर नहीं, मनुष्य ही है। 
3 तू दानिय्थेल से अधिक बुद्धिमान तो है; कोई भेद तुझ से छिपा न होगा; 
4 तू ने अपक्की बुद्धि और समझ के द्वारा धन प्राप्त किया, और अपके भण्डारोंमें सोना-चान्दी रखा है; 
5 तू ने बड़ी बुद्धि से लेन-देन किया जिस से तेरा धन बढ़ा, और धन के कारण तेरा मन फूल उठा है। 
6 इस कारण परमेश्वर यहोवा योंकहता है, तू जो अपना मन परमेश्वर सा दिखाता है, 
7 इसलिथे देख, मैं तुझ पर ऐसे परदेशियोंसे चढ़ाई कराऊंगा, जो सब जातियोंसे अधिक बलात्कारी हैं; वे अपक्की तलवारें तेरी बुद्धि की शोभा पर चलाएंगे और तेरी चमक-दमक को बिगाड़ेंगे। 
8 वे तुझे कबर में उतारेंगे, और तू समुद्र के बीच के मारे हुओं की रीति पर मर जाएगा। 
9 तब, क्या तू अपके घात करनेवाले के साम्हने कहता रहेगा कि तू परमेश्वर है? तू अपके घायल करनेवाले के हाथ में ईश्वर नहीं, मनुष्य ही ठहरेगा। 
10 तू परदेशियोंके हाथ से खतनाहीन लोगोंकी नाई मारा जाएगा; क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है। 
11 फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 
12 हे मनुष्य के सन्तान, सोर के राजा के विषय में विलाप का गीत बनाकर उस से कह, परमेश्वर यहोवा योंकहता है, तू तो उत्तम से भी उत्तम है; तू बुद्धि से भरपूर और सर्वांग सुन्दर है। 
13 तू परमेश्वर की एदेन नाम बारी में या; तेरे पास आभूषण, माणिक, पद्क़राग, हीरा, फीरोज़ा, सुलैमानी मणि, यशब, तीलमणि, मरकद, और लाल सब भांति के मणि और सोने के पहिरावे थे; तेरे डफ और बांसुलियां तुझी में बनाई गई यीं; जिस दिन तू सिरजा गया या; उस दिन वे भी तैयार की गई यीं। 
14 तू छानेवाला अभिषिक्त करूब या, मैं ने तुझे ऐसा ठहराया कि तू परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर रहता या; तू आग सरीखे चमकनेवाले मणियोंके बीच चलता फिरता या। 
15 जिस दिन से तू सिरजा गया, और जिस दिन तक तुझ में कुटिलता न पाई गई, उस समय तक तू अपक्की सारी चालचलन में निदॉष रहा। 
16 परन्तु लेन-देन की बहुतायत के कारण तू उपद्रव से भरकर पापी हो गया; इसी से मैं ने तुझे अपवित्र जानकर परमेश्वर के पर्वत पर से उतारा, और हे छानेवाले करूब मैं ने तुझे आग सरीखे चमकनेवाले मण्यथें के बीच से नाश किया है। 
17 सुन्दरता के कारण तेरा मन फूल उठा या; और विभव के कारण तेरी बुद्धि बिगड़ गई यी। मैं ने तुझे भूमि पर पटक दिया; और राजाओं के साम्हने तुझे रखा कि वे तुझ को देखें। 
18 तेरे अधर्म के कामो की बहुतायत से और तेरे लेन-देन की कुटिलता से तेरे पवित्रस्यान अपवित्र हो गए; सो मैं ने तुझ में से ऐसी आग उत्पन्न की जिस से तू भस्म हुआ, और मैं ने तुझे सब देखनेवालोंके साम्हने भूमि पर भस्म कर डाला है। 
19 देश देश के लोगोंमें से जितने तुझे जानते हैं सब तेरे कारण विस्मित हुए; तू भय का कारण हुआ है और फिर कभी पाया न जाएगा। 
20 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 
21 हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख सीदोन की ओर करके उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर, 
22 और कह, प्रभु यहोवा योंकहता है, हे सीदोन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; मैं तेरे बीच अपक्की महिमा कराऊंगा। जब मैं उसके बीच दण्ड दूंगा और उस में अपके को पवित्र ठहराऊंगा, तब लोग जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। 
23 मैं उस में मरी फैलाऊंगा, और उसकी सड़कोंमें लोहू बहाऊंगा; और उसके चारोंओर तलवार चलेगी; तब उसके बीच घायल लोग गिरेंगे, और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। 
24 और इस्राएल के घराने के चारोंओर की जितनी जातियां उनके साय अभिमान का बर्ताव करती हैं, उन में से कोई उनका चुभनेवाला काँटा वा बेधनेवाला शूल फिर न ठहरेगी; तब वे जान लेंगी कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ। 
25 परमेश्वर यहोवा योंकहता है, जब में इस्राएल के घराने को उन सब लोगोंमें से इकट्ठा करूंगा, जिनके बीच वे तितर-बितर हुए हैं, और देश देश के लोगोंके साम्हने उनके द्वारा पवित्र ठहरूंगा, तब वे उस देश में वास करेंगे जो मैं ने अपके दास याकूब को दिया या। 
26 वे उस में निडर बसे रहेंगे; वे घर बनाकर और दाख की बारियां लगाकर निडर रहेंगे; तब मैं उनके चारोंओर के सब लोगोंको दण्ड दूंगा जो उन से अभिमान का बर्ताव करते हैं, तब वे जान लेंगे कि उनका परमेश्वर यहोवा ही है।