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यहेजकेल - Chapter 26

1 ग्सारहवें वर्ष के पक्कीले महीने के पहिले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहंचा, 
2 हे मनुष्य के सन्तान, सोर ने जो यरूशलेम के विष्य में कहा है, अहा, अहा। जो देश देश के लोगोंके फाटक के समान यी, वह नाश होगई। 
3 उसके उजड़ जाने से मैं भरपूर हो जाऊंगा ! इस कारण परमेश्वर यहोवा कहता है, हे सोर, देख, मैं तेरे पिरुद्ध हूँ; और ऐसा करूंगा कि बहुत सी जातियां तेरे विरुद्ध ऐसी उठेंगी जैसे समुद्र की लहरें उठती हैं। 
4 और वे सोर की शहरपनाह को गिराएंगी, और उसके गुम्मटोंको तोड़ डालेंगी; और मैं उस पर से उसकी मिट्टी खुरचकर उसे नंगी चट्टान कर दूंगा। 
5 वह समुद्र के बीच का जाल फैलाने ही का स्यान हो जएगा; क्योंकि परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है; और वह जाति जाति से लुट जाएगा; 
6 और उसकी जो बेटियां मैदान में हैं, वे तलवार से मारी जाएंगी। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। 
7 क्योंकि परमेश्वर यहोवा यह कहता है, देख, मैं सोर के विरुद्ध राजाधिराज बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर को घेड़ों, रयों, सवारों, बड़ी भीड़, और दल समेत उत्तर दिशा से ले आऊंगा। 
8 और तेरी जो बेटियां मैदान में हों, उनको वह तलवार से मारेगा, और तेरे विरुद्ध कोट बनाएगा और दमदमा बान्धेगा; और ढाल उठाएगा। 
9 और वह तेरी शहरपनाह के विरुद्ध युद्ध के यन्त्र चलाएगा और तेरे गुम्मटोंको फरसोंसे ढा देगा। 
10 उसके घोड़े इतने होंगे, कि तू उनकी धूलि से ढंप जाएगा, और जब वह तेरे फाटकोंमें ऐसे घुसेगा जैसे लोग नाकेवाले नगर में घुसते हैं, तब तेरी शहरपनाह सवारों, छकड़ों, और रयोंके शब्द से कांप उठेगी। 
11 वह अपके घेड़ोंकी टापोंसे तेरी सब सड़कोंको रौन्द डालेगा, और तेरे निवासिक्कों तलवार से मार डालेगा, और तेरे बल के खंभे भूमि पर बिराए जाएंगे। 
12 और लोग तेरा धन लूटेंगे और तेरे व्योपार की वस्तुएं छीन लेंगे; वे तेरी शहरपनाह ढा देंगे और तेरे मनभाऊ घर तोड़ डालेंगे; तेरे पत्यर और काठ, और तेरी धूलि वे जल में फेंक देंगे। 
13 और मैं तेरे गीतोंका सुरताल बन्द करूंगा, और तेरी वीणाओं की ध्वनि फिर सुनाई न देगी। 
14 मैं तुझे नंगी चट्टान कर दूंगा; तू जाल फैलाने ही का स्यान हो जाएगा; और फिर बसाया न जाएगा; क्योंकि मुझ यहोवा ही ने यह कहा है, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है। 
15 परमेश्वर यहोवा सोर से योंकहता है, तेरे गिरने के शब्द से जब घायल लोग कराहेंगे और तुझ में घात ही घात होगा, तब क्या टापू न कांप उठेंगे? 
16 तब समुद्रतीर के सब प्रधान लोग अपके अपके सिंहासन पर से उतरेंगे, और अपके बाग�े और बूटेदार वस्त्र उतारकर यरयराहट के वस्त्र पहिनेंगे और भूमि पर बैठकर झण झण में कांपेंगे; और तेरे कारण विस्मित रहेंगे। 
17 और वे तेरे विषय में विलाप का गीत बनाकर तुझ से कहेंगे, हाथ ! मल्लाहोंकी बसाई हुई हाथ ! सराही हुई नगरी जो समुद्र के बीच निवासियोंसमेत सामयीं रही और सब टिकनेवालोंकी डरानेवाली नगरी यी, तू कैसी नाश हुई है? 
18 तेरे गिरने के दिन टापू कांप उठेंगे, और तेरे जाते रहने के कारण समुद्र से सब टापू घबरा जाएंगे। 
19 क्योंकि परमेश्वर यहोवा योंकहता है, जब मैं तुझे निर्जन नगरोंके समान उजाड़ करूंगा और तेरे ऊपर महासागर चढ़ाऊंगा, और तू गहिरे जल में डूब जाएगा, 
20 तब गड़हे में और गिरनेवालोंके संग मैं तुझे भी प्राचीन लोगोंमें उतार दूंगा; और गड़हे में और गिरनेवालोंके संग तुझे भी नीचे के लोक में रखकर प्राचीनकाल के उजड़े हुए स्यानोंके समान कर दूंगा; यहां तक कि तू फिर न बसेगा और न जीवन के लोक में कोई स्यान पाएगा। 
21 मैं तुझे घबराने का कारण करूंगा, और तू भविष्य में फिर न रहेगा, वरन ढूंढ़ने पर भी तेरा पता न लगेगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।