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यिर्मयाह - Chapter 41

1 और सातवें महीने में ऐसा हुआ कि इश्माएल जो नतन्याह का पुत्र और एलीशामा का पोता और राजवंश का और राजा के प्रधान पुरुषोंमें से या, सो दस जन संग लेकर मिस्पा में अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास आया। वहां मिस्पा में उन्होंने एक संग भोजन किया। 
2 तब नतन्याह के पुत्र इश्माएल और उसके संग के दस जनोंने उठकर गदल्याह को, जो अहीकाम का पुत्र और शपान का पोता या, ओर जिसे बाबुल के राजा ने देश का अधिक्कारनेी ठहराया या, उसे तलवार से ऐसा मारा कि वह मर गया। 
3 और इश्माएल ने गदल्याह के संग जितने यहूदी मिस्पा में थे, और जो कसदी योद्वा वहां मिले, उन सभोंको मार डाला। 
4 गदल्याह के मार डालने के दूसरे दिन जब कोई इसे न जानता या, 
5 तब शकेम और शीलो और शोमरोन से अस्सी पुरुष डाढ़ी मुड़ाए, वस्त्र फाड़े, शरीर चीरे हुए और हाथ में अन्नबलि और लोबान लिए हुए, यहोवा के भवन में जाने को आते दिखाई दिए। 
6 तब नतन्याह का पुत्र इश्माएल उन से मिलने को मिस्पा से निकला, और रोता हुआ चला। जब वह उन से मिला, तब कहा, अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास चलो। 
7 जब वे उस नगर में आए तब नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने अपके संगी जनोंसमेत उनको घात करके गड़हे में फेंक दिया। 
8 परन्तु उन में से दस मनुष्य इश्माएल से कहने लगे, हम को न मार; क्योंकि हमारे पास मैदान में रखा हुआ गेहूं, जव, तेल और मधु है। सो उस ने उन्हें छोड़ दिया और उनके भाइयोंके साय नहीं मारा। 
9 जिस गड़हे में इश्माएल न उन लोगोंकी सब लोथें जिन्हें उस ने मारा या, गदल्याह की लोय के पास फेंक दी यी, (यह वही गड़हा है जिसे आसा राजा ने इस्राएल के राजा बाशा के डर के मारे खुदवाया या), उसको नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने मारे हुओं से भर दिया। 
10 तब जो लोग मिस्पा में बचे हुए थे, अर्यात्‌ राजकुमारियां और जितने और लोग मिस्पा में रह गए थे जिन्हें जल्लादोंके प्रधान नबूजरदान ने अहीकाम के पुत्र गदल्याह को सौंप दिया या, उन सभोंको नतन्याह का पुत्र इश्माएल बंधुआ करके अम्मोनियोंके पास ले जाने को चला। 
11 जब कारेह के पुत्र योहानान ने और योद्वाओं के दलोंके उन सब प्रधानोंने जो उसके संग थे, सुना, कि नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने यह सब बुराई की है, 
12 तब वे सब जनोंको लेकर नतन्याह के पुत्र इश्माएल से लड़ने को निकले और उसको उस बड़े जलाशय के पास पाया जो गिबोन में है। 
13 कारेह के पुत्र योहानान को, और दलोंके सब प्रधानोंको देखकर जो उसके संग थे, इश्माएल के साय जो लोग थे, वे सब आनन्दित हुए। 
14 और जितने लोगोंको इश्माएल मिस्पा से बंधुआ करके लिए जाता या, वे पलटकर कारेह के पुत्र योहानान के पास चले आए। 
15 परन्तु नतन्याह का पुत्र इश्माएल आठ पुरुष समेत योहानान के हाथ से बचकर अम्मोनियोंके पास चला गया। 
16 तब प्रजा में से जितने बच गए थे, अर्यात्‌ जिन योद्वाओं, स्त्रियों, बालबच्चोंऔर खोजोंको कारेह का पुत्र योहानान, अहीकाम के पुत्र गदल्याह के मिस्पा में मारे जाने के बाद नतन्याह के पुत्र इश्माएल के पास से छुड़ाकर गिबोन से फेर ले आया या, उनको वह अपके सब संगी दलोंके प्रधानोंसमेत लेकर चल दिया। 
17 और बेतलेहेम के निकट जो किम्हाम की सराय है, उस में वे इसलिथे टिक गए कि मिस्र में जाएं। 
18 क्योंकि वे कसदियोंसे डरते थे; इसका कारण यह या कि अहीकाम का पुत्र गदल्याह जिसे बाबुल के राजा ने देश का अधिक्कारनेी ठहराया या, उसे नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने मार डाला या।