1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 कि क्या मनुष्य के क्या पशु के, इस्राएलियोंमें जितने अपक्की अपक्की मां के जेठे हों, उन्हें मेरे लिथे पवित्र मानना; वह तो मेरा ही है।।
3 फिर मूसा ने लोगोंसे कहा, इस दिन को स्मरण रखो, जिस में तुम लोग दासत्व के घर, अर्यात् मिस्र से निकल आए हो; यहोवा तो तुम को वहां से अपके हाथ के बल से निकाल लाया; इस में खमीरी रोटी न खाई जाए।
4 आबीब के महीने में आज के दिन तुम निकले हो।
5 इसलिथे जब यहोवा तुम को कनानी, हित्ती, एमोरी, हिब्बी, और यबूसी लोगोंके देश में पहुचाएगा, जिसे देने की उस ने तुम्हारे पुरखाओं से शपय खाई यी, और जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, तब तुम इसी महीने में पर्ब्ब करना।
6 सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, और सातवें दिन यहोवा के लिथे पर्ब्ब मानना।
7 इन सातोंदिनोंमें अखमीरी रोटी खाई जाए; वरन तुम्हारे देश भर में न खमीरी रोटी, न खमीर तुम्हारे पास देखने में आए।
8 और उस दिन तुम अपके अपके पुत्रोंको यह कहके समझा देना, कि यह तो हम उसी काम के कारण करते हैं, जो यहोवा ने हमारे मिस्र से निकल आने के समय हमारे लिथे किया या।
9 फिर यह तुम्हारे लिथे तुम्हारे हाथ में एक चिन्ह होगा, और तुम्हारी आंखोंके साम्हने स्मरण करानेवाली वस्तु ठहरे; जिस से यहोवा की व्यवस्या तुम्हारे मुंह पर रहे : क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपके बलवन्त हाथोंसे मिस्र से निकाला है।
10 इस कारण तुम इस विधि को प्रति वर्ष नियत समय पर माना करना।।
11 फिर जब यहोवा उस शपय के अनुसार, जो उस ने तुम्हारे पुरखाओं से और तुम से भी खाई है, तुम्हे कनानियोंके देश में पहुंचाकर उसको तुम्हें दे देगा,
12 तब तुम में से जितने अपक्की अपक्की मां के जेठे होंउनको, और तुम्हारे पशुओं में जो ऐसे होंउनको भी यहोवा के लिथे अर्पण करना; सब नर बच्चे तो यहोवा के हैं।
13 और गदही के हर एक पहिलौठे की सन्ती मेम्ना देकर उसको छुड़ा लेना, और यदि तुम उसे छुड़ाना न चाहो तो उसका गला तोड़ देना। पर अपके सब पहिलौठे पुत्रोंको बदला देकर छुड़ा लेना।
14 और आगे के दिनोंमें जब तुम्हारे पुत्र तुम से पूछें, कि यह क्या है ? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगोंको दासत्व के घर से, अर्यात् मिस्र देश से अपके हाथोंके बल से निकाल लाया है।
15 उस समय जब फिरौन ने कठोर होकर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मिस्र देश में मनुष्य से लेकर पशु तक सब के पहिलौठोंको मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपक्की अपक्की मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिथे बलि करते हैं; पर अपके सब जेठे पुत्रोंको हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
16 और यह तुम्हारे हाथोंपर एक चिन्ह सा और तुम्हारी भौहोंके बीच टीका सा ठहरे; क्योंकि यहोवा हम लोगोंको मिस्र से अपके हाथोंके बल से निकाल लाया है।।
17 जब फिरौन ने लोगोंको जाने की आज्ञा दे दी, तब यद्यपि पलिश्तियोंके देश में होकर जो मार्ग जाता है वह छोटा या; तौभी परमेश्वर यह सोच कर उनको उस मार्ग से नहीं ले गया, कि कहीं ऐसा न हो कि जब थे लोग लड़ाई देखें तब पछताकर मिस्र को लौट आएं।
18 इसलिथे परमेश्वर उनको चक्कर खिलाकर लाल समुद्र के जंगल के मार्ग से ले चला। और इस्राएली पांति बान्धे हुए मिस्र से निकल गए।
19 और मूसा यूसुफ की हड्डियोंको साय लेता गया; क्योंकि यूसुफ ने इस्राएलियोंसे यह कहके, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उनको इस विषय की दृढ़ शपय खिलाई यी, कि वे उसकी हड्डियोंको अपके साय यहां से ले जाएंगे।
20 फिर उन्होंने सुक्कोत से कूच करके जंगल की छोर पर एताम में डेरा किया।
21 और यहोवा उन्हें दिन को मार्ग दिखाने के लिथे मेघ के खम्भे में, और रात को उजियाला देने के लिथे आग के खम्भे में होकर उनके आगे आगे चला करता या, जिससे वे रात और दिन दोनोंमें चल सकें।
22 उस ने न तो बादल के खम्भे को दिन में और न आग के खम्भे को रात में लोगोंके आगे से हटाया।।