1 फिर धूप जलाने के लिथे बबूल की लकड़ी की वेदी बनाना।
2 उसकी लम्बाई एक हाथ और चौड़ाई एक हाथ की हो, वह चौकोर हो, और उसकी ऊंचाई दो हाथ की हो, और उसके सींग उसी टुकड़े से बनाए जाएं।
3 और वेदी के ऊपरवाले पल्ले और चारोंओर की अलंगोंऔर सींगोंको चोखे सोने से मढ़ना, और इसकी चारोंओर सोने की एक बाड़ बनाना।
4 और इसकी बाड़ के नीचे इसके दानोंपल्ले पर सोने के दो दो कड़े बनाकर इसके दोनोंओर लगाना, वे इसके उठाने के डण्डोंके खानोंका काम देंगे।
5 और डण्डोंको बबूल की लकड़ी के बनाकर उनको सोने से मढ़ना।
6 और तू उसको उस पर्दे के आगे रखना जो साझीपत्र के सन्दूक के साम्हने है, अर्यात् प्रायश्चित्त वाले ढकने के आगे जो साझीपत्र के ऊपर है, वहीं मैं तुझ से मिला करूंगा।
7 और उसी वेदी पर हारून सुगन्धित धूप जलाया करे; प्रतिदिन भोर को जब वह दीपक को ठीक करे तब वह धूप को जलाए,
8 तब गोधूलि के समय जब हारून दीपकोंको जलाए तब धूप जलाया करे, यह धूप यहोवा के साम्हने तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में नित्य जलाया जाए।
9 और उस वेदी पर तुम और प्रकार का धूप न जलाना, और न उस पर होमबलि और न अन्नबलि चढ़ाना; और न इस पर अर्घ देना।
10 और हारून वर्ष में एक बार इसके सींगोंपर प्रायश्चित्त करे; और तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में वर्ष में एक बार प्रायश्चित्त लिया जाए; यह यहोवा के लिथे परमपवित्र है।।
11 और तब यहोवा ने मूसा से कहा,
12 जब तू इस्त्राएलियोंकि गिनती लेने लगे, तब वे गिनने के समय जिनकी गिनती हुई हो अपके अपके प्राणोंके लिथे यहोवा को प्रायश्चित्त दें, जिस से जब तू उनकी गिनती कर रहा हो उस समय कोई विपत्ति उन पर न आ पके।
13 जितने लोग गिने जाएं वे पवित्रस्यान के शेकेल के लिथे आधा शेकेल दें, यह शेकेल बीस गेरा का होता है, यहोवा की भेंट आधा शेकेल हो।
14 बीस वर्ष के वा उस से अधिक अवस्या के जितने गिने जाएं उन में से एक एक जन यहोवा की भेंट दे।
15 जब तुम्हारे प्राणोंके प्रायश्चित्त के निमित्त यहोवा की भेंट दी जाए, तब न तो धनी लोग आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल लोग उस से कम दें।
16 और तू इस्त्राएलियोंसे प्रायश्चित्त का रूपया लेकर मिलापवाले तम्बू के काम में लगाना; जिस से वह यहोवा के सम्मुख इस्त्राएलियोंके स्मरणार्य चिन्ह ठहरे, और उनके प्राणोंका प्रायश्चित्त भी हो।।
17 और यहोवा ने मूसा से कहा,
18 धोने के लिथे पीतल की एक हौदी और उसका पाया पीतल का बनाना। और उसके मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच में रखकर उस में जल भर देना;
19 और उस में हारून और उसके पुत्र अपके अपके हाथ पांव धोया करें।
20 जब जब वे मिलापवाले तम्बू में प्रवेश करें तब तब वे हाथ पांव जल से धोएं, नहीं तो मर जाएंगे; और जब जब वे वेदी के पास सेवा टहल करने, अर्यात् यहोवा के लिथे हव्य जलाने को आएं तब तब वे हाथ पांव धोएं, न हो कि मर जाएं।
21 यह हारून और उसके पीढ़ी पीढ़ी के वंश के लिथे सदा की विधि ठहरे।।
22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
23 तू मुख्य मुख्य सुगन्ध द्रव्य, अर्यात् पवित्रस्यान के शेकेल के अनुसार पांच सौ शेकेल अपके आप निकला हुआ गन्धरस, और उसका आधा, अर्यात् अढ़ाई सौ शेकेल सुगन्धित अगर,
24 और पांच सौ शेकेल तज, और एक हीन जलपाई का तेल लेकर
25 उन से अभिषेक का पवित्र तेल, अर्यात् गन्धी की रीति से तैयार किया हुआ सुगन्धित तेल बनवाना; यह अभिषेक का पवित्र तेल ठहरे।
26 और उस से मिलापवाले तम्बू का, और साझीपत्र के सन्दूक का,
27 और सारे सामान समेत मेज़ का, और सामान समेत दीवट का, और धूपकेदी का,
28 और सारे सामान समेत होमवेदी का, और पाए समेत हौदी का अभिषेक करना।
29 और उनको पवित्र करना, जिस से वे परमपवित्र ठहरें; और जो कुछ उन से छू जाएगा वह पवित्र हो जाएगा।
30 फिर हारून का उसके पुत्रोंके साय अभिषेक करना, और इस प्रकार उन्हें मेरे लिथे याजक का काम करने के लिथे पवित्र करना।
31 और इस्त्राएलियोंको मेरी यह आज्ञा सुनाना, कि वह तेल तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में मेरे लिथे पवित्र अभिषेक का तेल होगा।
32 वह किसी मनुष्य की देह पर न डाला जाए, और मिलावट में उसके समान और कुछ न बनाना; वह तो पवित्र होगा, वह तुम्हारे लिथे पवित्र होगा।
33 जो कोई उसके समान कुछ बनाए, वा जो कोई उस में से कुछ पराए कुलवाले पर लगाए, वह अपके लोगोंमें से नाश किया जाए।।
34 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, बोल, नखी और कुन्दरू, थे सुगन्ध द्रव्य निर्मल लोबान समेत ले लेना, थे सब एक तौल के हों,
35 और इनका धूप अर्यात् लोन मिलाकर गन्धी की रीति के अनुसार चोखा और पवित्र सुगन्ध द्रव्य बनवाना;
36 फिर उस में से कुछ पीसकर बुकनी कर डालना, तब उस में से कुछ मिलापवाले तम्बू में साझीपत्र के आगे, जहां पर मैं तुझ से मिला करूंगा वहां रखना; वह तुम्हारे लिथे परमपवित्र होगा।
37 और जो धूप तू बनवाएगा, मिलावट में उसके समान तुम लोग अपके लिथे और कुछ न बनवाना; वह तुम्हारे आगे यहोवा के लिथे पवित्र होगा।
38 जो कोई सूंघने के लिथे उसके समान कुछ बनाए वह अपके लोगोंमें से नाश किया जाए।।