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निर्गमन - Chapter 36

1 और बसलेल और ओहोलीआब और सब बुद्धिमान जिनको यहोवा ने ऐसी बुद्धि और समझ दी हो, कि वे यहोवा की सारी आज्ञाओं के अनुसार पवित्रस्यान की सेवकाई के लिथे सब प्रकार का काम करना जानें, वे सब यह काम करें।। 
2 तब मूसा ने बसलेल और ओहोलीआब और सब बुद्धिमानोंको जिनके ह्रृदय में यहोवा ने बुद्धि का प्रकाश दिया या, अर्यात्‌ जिस जिसको पास आकर काम करने का उत्साह हुआ या उन सभोंको बुलवाया। 
3 और इस्त्राएली जो जो भेंट पवित्रस्यान की सेवकाई के काम और उसके बनाने के लिथे ले आए थे, उन्हें उन पुरूषोंने मूसा के हाथ से ले लिया। तब भी लोग प्रति भोर को उसके पास भेंट अपक्की इच्छा से लाते रहें; 
4 और जितने बुद्धिमान पवित्रस्यान का काम करते थे वे सब अपना अपना काम छोड़कर मूसा के पास आए, 
5 और कहने लगे, जिस काम के करने की आज्ञा यहोवा ने दी है उसके लिथे जितना चाहिथे उससे अधिक वे ले आए हैं। 
6 तब मूसा ने सारी छावनी में इस आज्ञा का प्रचार करवाया, कि क्या पुरूष, क्या स्त्री, कोई पवित्रस्यान के लिथे और भेंट न लाए, इस प्रकार लोग और भेंट लाने से रोके गए। 
7 क्योंकि सब काम बनाने के लिथे जितना सामान आवश्यक या उतना वरन उससे अधिक बनाने वालोंके पास आ चुका या।। 
8 और काम करनेवाले जितने बुद्धिमान थे उन्होंने निवास के लिथे बटी हुई सूझ्म सनी के कपके के, और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपके के दस पटोंको काढ़े हुए करूबोंसहित बनाया। 
9 एक एक पट की लम्बाई अट्ठाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हुई; सब पट एक ही नाप के बने। 
10 उस ने पांच पट एक दूसरे से जोड़ दिए, और फिर दूसरे पांच पट भी एक दूसरे से जोड़ दिए। 
11 और जहां थे पट जोड़े गए वहां की दोनोंछोरोंपर उस ने पीली नीली फलियां लगाईं। 
12 उस ने दोनोंछोरोंमें पचास पचास फलियां इस प्रकार लगाई कि वे आम्हने-साम्हने हुई। 
13 और उस ने सोने की पचास घुंडियां बनाई, और उनके द्वारा पटोंको एक दूसरे से ऐसा जोड़ा कि निवास मिलकर एक हो गया। 
14 फिर निवास के ऊपर के तम्बू के लिथे उस ने बकरी के बाल के ग्यारह पट बनाए। 
15 एक एक पट की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हुई; और ग्यारहोंपट एक ही नाप के थे। 
16 इन में से उस ने पांच पट अलग और छ: पट अलग जोड़ दिए। 
17 और जहां दोनोंजोड़े गए वहां की छोरोंमें उस ने पचास पचास फलियां लगाईं। 
18 और उस ने तम्बू के जोड़ने के लिथे पीतल की पचास घुंडियां भी बनाई जिस से वह एक हो जाए। 
19 और उस ने तम्बू के लिथे लाल रंग से रंगी हुई मेंढ़ोंकी खालोंका एक ओढ़ना और उसके ऊपर के लिथे सूइसोंकी खालोंका भी एक ओढ़ना बनाया। 
20 फिर उस ने निवास के लिथे बबूल की लकड़ी के तख्तोंको खड़े रहने के लिथे बनाया। 
21 एक एक तख्ते की लम्बाई दस हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हुई। 
22 एक एक तख्ते में एक दूसरी से जोड़ी हुई दो दो चूलें बनीं, निवास के सब तख्तोंके लिथें उस ने इसी भंाति बनाईं। 
23 और उस ने निवास के लिथे तख्तोंको इस रीति से बनाया, कि दक्खिन की ओर बीस तख्ते लगे। 
24 और इन बीसोंतख्तोंके नीचे चांदी की चालीस कुसिर्यां, अर्यात्‌ एक एक तख्ते के नीचे उसकी दो चूलोंके लिथे उस ने दो कुसिर्यां बनाईं। 
25 और निवास की दूसरी अलंग, अर्यात्‌ उत्तर की ओर के लिथे भी उस ने बीस तख्ते बनाए। 
26 और इनके लिथे भी उस ने चांदी की चालीस कुसिर्यां, अर्यात्‌ एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां बनाईं। 
27 और निवास की पिछली अलंग, अर्यात्‌ पश्चिम ओर के लिथे उस ने छ: तख्ते बनाए। 
28 और पिछली अलंग में निवास के कोनोंके लिथे उस ने दो तख्ते बनाए। 
29 और वे नीचे से दो दो भाग के बने, और दोनोंभाग ऊपर से सिक्के तक उन दोनोंतख्तोंका ढब ऐसा ही बनाया। 
30 इस प्रकार आठ तख्ते हुए, और उनकी चांदी की सोलह कुसिर्यां हुईं, अर्यात्‌ एक एक तख्ते के नीचे दो दो कुसिर्यां हुईं। 
31 फिर उस ने बबूल की लकड़ी के बेंड़े बनाए, अर्यात्‌ निवास की एक अलंग के तख्तोंके लिथे पांच बेंड़े, 
32 और निवास की दूसरी अलंग के तख्तोंके लिथे पांच बेंड़े, और निवास की जो अलंग पश्चिम ओर पिछले भाग में यी उसके लिथे भी पांच बेंड़े, बनाए। 
33 और उस ने बीचवाले बेंड़े को तख्तोंके मध्य में तम्बू के एक सिक्के से दूसरे सिक्के तक पहुंचने के लिथे बनाया। 
34 और तख्तोंको उस ने सोने से मढ़ा, और बेंड़ोंके घर को काम देनेवाले कड़ोंको सोने के बनाया, और बेंड़ोंको भी सोने से मढ़ा।। 
35 फिर उस ने नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपके का, और बटी हुई सूझ्म सनीवाले कपके का बीचवाला पर्दा बनाया; वह कढ़ाई के काम किथे हुए करूबोंके साय बना। 
36 और उस ने उसके लिथे बबूल के चार खम्भे बनाए, और उनको सोने से मढ़ा; उनकी घुंडियां सोने की बनी, और उस ने उनके लिथे चांदी की चार कुसिर्यां ढालीं। 
37 और उस ने तम्बू के द्वार के लिथे नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपके का, और बटी हुई सूझ्म सनी के कपके का कढ़ाई का काम किया हुआ पर्दा बनाया। 
38 और उस ने घुंडियोंसमेत उसके पांच खम्भे भी बनाए, और उनके सिरोंऔर जोड़ने की छड़ोंको सोने से मढ़ा, और उनकी पांच कुसिर्यां पीतल की बनाईं।।