1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 सुन, मैं ऊरी के पुत्र बसलेल को, जो हूर का पोता और यहूदा के गोत्र का है, नाम लेकर बुलाता हूं।
3 और मैं उसको परमेश्वर की आत्मा से जो बुद्धि, प्रवीणता, ज्ञान, और सब प्रकार के कार्योंकी समझ देनेवाली आत्मा है परिपूर्ण करता हूं,
4 जिस से वह कारीगरी के कार्य बुद्धि से निकाल निकालकर सब भांति की बनावट में, अर्यात् सोने, चांदी, और पीतल में,
5 और जड़ने के लिथे मणि काटने में, और लकड़ी के खोदने में काम करे।
6 और सुन, मैं दान के गोत्रवाले अहीसामाक के पुत्र ओहोलीआब को उसके संग कर देता हूं; वरन जितने बुद्धिमान है उन सभोंके ह्रृदय में मैं बुद्धि देता हूं, जिस से जितनी वस्तुओं की आज्ञा मैं ने तुझे दी है उन सभोंको वे बनाएं;
7 अर्यात् मिलापवाला तम्बू, और साझीपत्र का सन्दूक, और उस पर का प्रायश्चित्तवाला ढकना, और तम्बू का सारा सामान,
8 और सामान सहित मेज़, और सारे सामान समेत चोखे सोने की दीवट, और धूपकेदी,
9 और सारे सामान सहित होमवेदी, और पाए समेत हौदी,
10 और काढ़े हुए वस्त्र, और हारून याजक के याजकवाले काम के पवित्र वस्त्र, और उसके पुत्रोंके वस्त्र,
11 और अभिषेक का तेल, और पवित्र स्यान के लिथे सुगन्धित धूप, इन सभोंको वे उन सब आज्ञाओं के अनुसार बनाएं जो मैं ने तुझे दी हैं।।
12 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
13 तू इस्त्राएलियोंसे यह भी कहना, कि निश्चय तुम मेरे विश्रमदिनोंको मानना, क्योंकि तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में मेरे और तुम लोगोंके बीच यह एक चिन्ह ठहरा है, जिस से तुम यह बात जान रखो कि यहोवा हमारा पवित्र करनेहारा है।
14 इस कारण तुम विश्रमदिन को मानना, क्योंकि वह तुम्हारे लिथे पवित्र ठहरा है; जो उसको अपवित्र करे वह निश्चय मार डाला जाए; जो कोई उस दिन में से कुछ कामकाज करे वह प्राणी अपके लोगोंके बीच से नाश किया जाए।
15 छ: दिन तो काम काज किया जाए, पर सातवां दिन परमविश्रम का दिन और यहोवा के लिथे पवित्र है; इसलिथे जो कोई विश्रम के दिन में कुछ काम काज करे वह निश्चय मार डाला जाए।
16 सो इस्त्राएली विश्रमदिन को माना करें, वरन पीढ़ी पीढ़ी में उसको सदा की वाचा का विषय जानकर माना करें।
17 वह मेरे और इस्त्राएलियोंके बीच सदा एक चिन्ह रहेगा, क्योंकि छ: दिन में यहोवा ने आकाश और पृय्वी को बनाया, और सातवें दिन विश्रम करके अपना जी ठण्डा किया।।
18 जब परमेश्वर मूसा से सीनै पर्वत पर ऐसी बातें कर चुका, तब उस ने उसको अपक्की उंगली से लिखी हुई साझी देनेवाली पत्यर की दोनोंतख्तियां दी।।