1 यदि तेरे बीच कोई भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखनेवाला प्रगट होकर तुझे कोई चिन्ह वा चमत्कार दिखाए,
2 और जिस चिन्ह वा चमत्कार को प्रमाण ठहराकर वह तुझ से कहे, कि आओ हम पराए देवताओं के अनुयायी होकर, जिनसे तुम अब तक अनजान रहे, उनकी पूजा करें,
3 तब तुम उस भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखने वाले के वचन पर कभी कान न धरना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारी पक्कीझा लेगा, जिस से यह जान ले, कि थे मुझ से अपके सारे मन और सारे प्राण के साय प्रेम रखते हैं वा नहीं?
4 तुम अपके परमेश्वर यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आज्ञाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से लिपके रहना।
5 और ऐसा भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखनेवाला जो तुम को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा से फेरके, जिस ने तुम को मिस्र देश से निकाला और दासत्व के घर से छुड़ाया है, तेरे उसी परमेश्वर यहोवा के मार्ग से बहकाने की बात कहनेवाला ठहरेगा, इस कारण वह मार डाला जाए। इस रीति से तू अपके बीच में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।।
6 यदि तेरा सगा भाई, वा बेटा, वा बेटी, वा तेरी अर्द्धांगिन, वा प्राण प्रिय तेरा कोई मित्र निराले में तुझ को यह कहकर फुसलाने लगे, कि आओ हम दूसरे देवताओं की उपासना वा पूजा करें, जिन्हें न तो तू न तेरे पुरखा जानते थे,
7 चाहे वे तुम्हारे निकट रहनेवाले आस पास के लोगोंके, चाहे पृय्वी के एक छोर से लेके दूसरे छोर तक दूर दूर के रहनेवालोंके देवता हों,
8 तो तू उसकी न मानना, और न तो उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस खाना, और न कोमलता दिखाना, और न उसको छिपा रखना;
9 उसको अवश्य घात करना; उसके घात करने में पहिले तेरा हाथ उठे, पीछे सब लोगोंके हाथ उठे।
10 उस पर ऐसा पत्यरवाह करना कि वह मर जाए, क्योंकि उस ने तुझ को तेरे उस परमेश्वर यहोवा से, जो तुझ को दासत्व के घर अर्यात् मिस्र देश से निकाल लाया है, बहकाने का यत्न किया है।
11 और सब इस्राएली सुनकर भय खाएंगे, और ऐसा बुरा काम फिर तेरे बीच न करेंगे।।
12 यदि तेरे किसी नगर के विषय में, जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे रहने के लिथे देता है, ऐसी बात तेरे सुनने में आए,
13 कि कितने अधम पुरूषोंने तेरे ही बीच में से निकलकर अपके नगर के निवासिक्कों यह कहकर बहका दिया है, कि आओ हम और देवताओं की जिन से अब तक अनजान रहे उपासना करें,
14 तो पूछपाछ करना, और खोजना, और भलीं भांति पता लगाना; और यदि यह बात सच हो, और कुछ भी सन्देह न रहे कि तेरे बीच ऐसा घिनौना काम किया जाता है,
15 तो अवश्य उस नगर के निवासिक्कों तलवार से मान डालना, और पशु आदि उस सब समेत जो उस में हो उसको तलवार से सत्यानाश करना।
16 और उस में की सारी लूट चौक के बीच इकट्ठी करके उस नगर को लूट समेत अपके परमेश्वर यहोवा के लिथे मानो सर्व्वांग होम करके जलाना; और वह सदा के लिथे डीह रहे, वह फिर बसाया न जाए।
17 और कोई सत्यानाश की वस्तु तेरे हाथ न लगने पाए; जिस से यहोवा अपके भड़के हुए कोप से शान्त होकर जैसा उस ने तेरे पूर्वजोंसे शपय खाई यी वैसा ही तुझ से दया का व्यवहार करे, और दया करके तुझ को गिनती में बढ़ाए।
18 यह तब होगा जब तू अपके परमेश्वर यहोवा की जितनी आज्ञाएं मैं आज तुझे सुनाता हूं उन सभोंको मानेगा, और जो तेरा परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही करेगा।।