1 लेवीय याजकोंका, वरन सारे लेवीय गोत्रियोंका, इस्राएलियोंके संग कोई भाग वा अंश न हो; उनका भोजन हव्य और यहोवा का दिया हुआ भाग हो।
2 उनका अपके भाइयोंके बीच कोई भाग न हो; क्योंकि अपके वचन के अनुसार यहोवा उनका निज भाग ठहरा है।
3 और चाहे गाय-बैल चाहे भेड़-बकरी का मेलबलि हो, उसके करनेवाले लोगोंकी ओर से याजकोंका हक यह हो, कि वे उसका कन्धा और दोनोंगाल और फोफ याजक को दें।
4 तू उसका अपक्की पहिली उपज का अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल, और अपक्की भेंड़ोंका वह ऊन देना जो पहिली बार कतरा गया हो।
5 क्योंकि तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरे सब गोत्रियोंमें से उसी को चुन लिया है, कि वह और उसके वंश सदा उसके नाम से सेवा टहल करने को उपस्यित हुआ करें।।
6 फिर यदि कोई लेवीय इस्राएल की बस्तियोंमें से किसी से, जहां वह परदेशी की नाई रहता हो, अपके मन की बड़ी अभिलाषा से उस स्यान पर जाए जिसे यहोवा चुन लेगा,
7 तो अपके सब लेवीय भाइयोंकी नाईं, जो वहां अपके परमेश्वर यहोवा के साम्हने उपस्यित होंगे, वह भी उसके नाम से सेवा टहल करे।
8 और अपके पूर्वजोंके भाग की मोल को छोड़ उसको भोजन का भाग भी उनके समान मिला करे।।
9 जब तू उस देश में पहुंचे जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, तब वहां की जातियोंके अनुसार घिनौना काम करने को न सीखना।
10 तुझ में कोई ऐसा न हो जो अपके बेटे वा बेटी को आग में होम करके चढ़ानेवाला, वा भावी कहनेवाला, वा शुभ अशुभ मुहूर्तोंका माननेवाला, वा टोन्हा, वा तान्त्रिक,
11 वा बाजीगर, वा ओफोंसे पूछनेवाला, वा भूत साधनेवाला, वा भूतोंका जगानेवाला हो।
12 क्योंकि जितने ऐसे ऐसे काम करते हैं वे सब यहोवा के सम्मुख घृणित हैं; और इन्हीं घृणित कामोंके कारण तेरा परमेश्वर यहोवा उनको तेरे साम्हने से निकालने पर है।
13 तू अपके परमेश्वर यहोवा के सम्मुख सिद्ध बना रहना।
14 वे जातियां जिनका अधिक्कारनेी तू होने पर है शुभ-अशुभ मुहूर्तोंके माननेवालोंऔर भावी कहनेवालोंकी सुना करती है; परन्तु तुझ को तेरे परमेश्वर यहोवा ने ऐसा करने नहीं दिया।
15 तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से, अर्यात् तेरे भाइयोंमें से मेरे समान एक नबी को उत्पन्न करेगा; तू उसी की सुनना;
16 यह तेरी उस बिनती के अनुसार होगा, जो तू ने होरेब पहाड़ के पास सभा के दिन अपके परमेश्वर यहोवा से की यी, कि मुझे न तो अपके परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनना, और न वह बड़ी आग फिर देखनी पके, कहीं ऐसा न हो कि मर जाऊं।
17 तब यहोवा ने मुझ से कहा, कि वे जो कुछ कहते हैं सो ठीक कहते हैं।
18 सो मैं उनके लिथे उनके भाइयोंके बीच में से तेरे समान एक नबी को उत्पन्न करूंगा; और अपना वचन उसके मुंह में डालूंगा; और जिस जिस बात की मैं उसे आज्ञा दूंगा वही वह उनको कह सुनाएगा।
19 और जो मनुष्य मेरे वह वचन जो वह मेरे नाम से कहेगा ग्रहण न करेगा, तो मैं उसका हिसाब उस से लूंगा।
20 परन्तु जो नबी अभिमान करके मेरे नाम से कोई ऐसा वचन कहे जिसकी आज्ञा मैं ने उसे न दी हो, वा पराए देवताओं के नाम से कुछ कहे, वह नबी मार डाला जाए।
21 और यदि तू अपके मन में कहे, कि जो वचन यहोवा ने नहीं कहा उसको हम किस रीति से पहिचानें?
22 तो पहिचान यह है कि जब कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे; तब यदि वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन यहोवा का कहा हुआ नहीं; परन्तु उस नबी ने वह बात अभियान करके कही है, तू उस से भय न खाना।।