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यशायाह - Chapter 12

1 उस दिन तू कहेगा, हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, क्योंकि यद्यिप तू मुझ पर क्रोधित हुआ या, परन्तु अब तेरा क्रोध शान्त हुआ, और तू ने मुझे शान्ति दी है।। 
2 परमेश्वर मेरा उद्धार है, मैं भरोसा रखूंगा और न यरयराऊंगा; क्योंकि प्रभु यहोवा मेरा बल और मेरे भजन का विषय है, और वह मेरा उद्धारकर्ता हो गया है।। 
3 तुम आनन्दपूर्वक उद्धार के सोतोंसे जल भरोगे। 
4 और उस दिन तुम कहोगे, यहोवा की स्तुति करो, उस से प्रार्यना करो; सब जातियोंमें उसके बड़े कामोंका प्रचार करो, और कहो कि उसका नाम महान है।। 
5 यहोवा का भजन गाओ, क्योंकि उस ने प्रतापमय काम किए हैं, इसे सारी पृय्वी पर प्रगट करो। 
6 हे सिय्योन में बसनेवाली तू जयजयकार कर और ऊंचे स्वर से गा, क्योंकि इस्राएल का पवित्र तुझ में महान है।।