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यशायाह - Chapter 20

1 जिस वर्ष में अश्शूर के राजा सर्गोन की आज्ञा से तर्तान ने अशदोद आकर उस से युद्ध किया और उसको ले भी लिया, 
2 उसी वर्ष यहोवा ने आमोस के पुत्र यशायाह से कहा, जाकर अपक्की कमर का टाट खोल और अपक्की जूतियां उतार; सो उस ने वैसा ही किया, और वह नंगा और नंगे पांव घूमता फिरता या। 
3 और यहोवा ने कहा, जिस प्रकार मेरा दास यशायाह तीन वर्ष से उघाड़ा और नंगे पांव चलता आया है, कि मिस्र और कूश के लिथे चिन्ह और चमत्कार हो, 
4 उसी प्रकार अश्शूर का राजा मिस्री और कूश के लोगोंको बंधुआ करके देश-निकाल करेगा, क्या लड़के क्या बूढ़े, सभोंको बंधुए करके उघाड़े और नंगे पांव और नितम्ब खुले ले जाएगा, जिस से मिस्र लज्जित हो। 
5 तब वे कूश के कारण जिस पर उनकी आशा यी, और मिस्र के हेतु जिस पर वे फूलते थे व्याकुल और लज्जित हो जाएंगे। 
6 और समुद्र के इस पार के बसनेवाले उस समय यह कहेंगे, देखो, जिन पर हम आशा रखते थे ओर जिनके पास हम अश्शूर के राजा से बचने के लिथे भागने को थे उनकी ऐसी दशा हो गई है। तो फिर हम लोग कैसे बचेंगे?