1 सिय्योन के निमित्त मैं चुप न रहूंगा, और यरूशलेम के निमित्त मैं चैन न लूंगा, जब तक कि उसकी धामिर्कता प्रकाश की नाईं और उसका उद्धार जलते हुए पक्कीते के समान दिखाई न दे।
2 जब अन्यजातियां तेरा धर्म और सब राजा तेरी महिमा देखेंगे; और तेरा एक नया नाम रखा जाएगा जो यहोवा के मुख से निकलेगा।
3 तू यहोवा के हाथ में एक शोभायमान मुकुट और अपके पकेश्वर की हथेली में राजमुकुट ठहरेगी।
4 तू फिर त्यागी हुई न कहलाएगी, और तेरी भूमि फिर उजड़ी हुई न कहलाएगी; परन्तु तू हेप्सीबा और तेरी भूमि ब्यूला कहलाएगी; क्योंकि यहोवा तुझ से प्रसन्न है, और तेरी भूमि सुहागन होगी।
5 क्योंकि जिस प्रकार जवान पुरूष एक कुमारी को ब्याह लाता है, वैसे ही तेरे पुत्र तुझे ब्याह लेंगे; और, जैसे दुल्हा अपक्की दुल्हिन के कारण हषिर्त होता है, वैसे ही तेरा परमेश्वर तेरे कारण हषिर्त होगा।।
6 हे यरूशलेम, मैं ने तेरी शहरपनाह पर पहरूए बैठाए हैं; वे दिन-रात कभी चुप न रहेंगे। हे यहोवा को स्मरण करनेवालो, चुप न रहो,
7 और, जब तक वह यरूशलेम को स्यिर करके उसकी प्रशंसा पृय्वी पर न फैला दे, तब तक उसे भी चैन न लेने दो।
8 यहोवा ने अपके दहिने हाथ की और अपक्की बलवन्त भुजा की शपय खाई है: निश्चय मैं भविष्य में तेरा अन्न अब फिर तेरे शत्रुओं को खाने के लिथे न दूंगा, और परदेशियोंके पुत्र तेरा नया दाखमधु जिसके लिथे तू ने परिश्र्म किया है, नहीं पीने पाएंगे;
9 केवल वे ही, जिन्होंने उसे खत्ते में रखा हो, उस से खाकर यहोवा की स्तुति करेंगे, और जिन्होंने दाखमधु भण्डारोंमें रखा हो, वे ही उसे मेरे पवित्रस्यान के आंगनोंमें पीने पाएंगे।।
10 जाओ, फाटकोंमें से निकल जाओ, प्रजा के लिथे मार्ग सुधारो; राजमार्ग सुधारकर ऊंचा करो, उस में के पत्यर बीन बीनकर फेंक दो, देश देश के लोगोंके लिथे फण्डा खड़ा करो।
11 देखो, यहोवा ने पृय्विी की छोर तक इस आज्ञा का प्रचार किया है: सिय्योन की बेटी से कहो, देख, तेरा उद्धारकर्ता आता है, देख, जो मजदूरी उसको देनी है वह उसके पास है और उसका काम उसके सामने है।
12 और लोग उनको पवित्र प्रजा और यहोवा के छुड़ाए हुए कहेंगे; और तेरा नाम ग्रहण की हुई अर्यात् न-त्यागी हुई नगरी पकेगा।।