1 हे परमेश्वर बचा ले, क्योंकि एक भी भक्त नहीं रहा; मनुष्योंमें से विश्वासयोग्य लाग मर मिटे हैं।
2 उन में से प्रत्थेक अपके पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के ओठोंसे दो रंगी बातें करते हैं।।
3 प्रभु सब चापलूस ओठोंको और उस जीभ को जिस से बड़ा बोल निकलता है काट डालेगा।
4 वे कहते हैं कि हम अपक्की जीभ ही से जीतेंगे, हमारे ओंठ हमारे ही वश में हैं; हमार प्रभु कौन है?
5 दी लोगोंके लुट जाने, और दरिद्रोंके कराहने के कारण, परमेश्वर कहता है, अब मैं उठूंगा, जिस पर वे फुंकारते हैं उसे मैं चैन विश्राम दूंगा।
6 परमेश्वर का वचन पवित्रा है, उस चान्दि के समान जो भट्टी में मिट्टी पर ताई गई, और सात बार निर्मल की गई हो।।
7 तू ही हे परमेश्वर उनकी रक्षा करेगा, उनको इस काल के लोगोंसे सर्वदा के लिथे बचाए रखेगा।
8 जब मनुष्योंमें नीचपन का आदर होता है, तब दुष्ट लोग चारोंओर अकड़ते फिरते हैं।।