Index

भजन संहिता - Chapter 129

1 इस्राएल अब यह कहे, कि मेरे बचपन से लोग मुझे बार बार क्लेश देते आए हैं, 
2 मेरे बचपन से वे मुझ को बार बार क्लेश देते तो आए हैं, परन्तु मुझ पर प्रबल नहीं हुए। 
3 हलवाहोंने मेरी पीठ के ऊपर हल चलाया, और लम्बी लम्बी रेखाएं कीं। 
4 यहोवा धर्मी है; उस ने दुष्टोंके फन्दोंको काट डाला है। 
5 जितने सिरयोन से बैर रखते हैं, उन सभोंकी आशा टूटे, ओर उनको पीछे हटना पके! 
6 वे छत पर की घास के समान हों, जो बढ़ने से पहिले सूख जाती है; 
7 जिस से कोई लवैया अपक्की मुट्ठी नहीं भरता, न पूलियोंका कोई बान्धनेवाला अपक्की अंकवार भर पाता है, 
8 और न आने जानेवाले यह कहते हैं, कि यहोवा की आशीष तुम पर होवे! हम तुम को यहोवा के नाम से आशीर्वाद देते हैं!