1 हे परमेश्वर तू ने हम को त्याग दिया, और हम को तोड़ डाला है; तू क्रोधित हुआ; फिर हम को ज्योंका त्योंकर दे।
2 तू ने भूमि को कंपाया और फाड़ डाला है; उसके दरारोंको भर दे, क्योंकि वह डगमगा रही है।
3 तू ने अपक्की प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया; तू ने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है।।
4 तू ने अपके डरवैयोंको झण्डा दिया है, कि वह सच्चाई के कारण फहराया जाए।
5 तू अपके दहिने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएं।।
6 परमेश्वर पवित्राता के साथ बोला है मैं प्रफुल्लित हूंगा; मैं शकेम को बांट लूंगा, और सुक्कोत की तराई को नपवाऊंगा।
7 गिलाद मेरा है; मनश्शे भी मेरा है; और एप्रैम मेरे सिर का टोप, यहूदा मेरा राजदण्ड है।
8 मोआब मेरे धोने का पात्रा है; मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूंबा; हे पलिश्तीन मेरे ही कारण जयजयकार कर।।
9 मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुंचाएगा? एदोम तक मेरी अगुवाई किस ने की है?
10 हे परमेश्वर, क्या तू ने हम को त्याग नही दिया? हे परमेश्वर, तू हमारी सेना के साथ नहीं जाता।
11 द्रोही के विरूद्ध हमारी सहाथता कर, क्योंकि मनुष्य का किया हुआ छुटकारा व्यर्थ होता है।
12 परमेश्वर की सहाथता से हम वीरता दिखाएंगे, क्योंकि हमारे द्रोहियोंको वही रौंदेगा।।