1 हे परमेश्वर मौन न रह; हे ईश्वर चुप न रह, और न शांत रह!
2 क्योंकि देख तेरे शत्रु धूम मचा रहे हैं; और तेरे बैरियोंने सिर उठाया है।
3 वे चतुराई से तेरी प्रजा की हानि की सम्मति करते, और तेरे रक्षित लोगोंके विरूद्ध युक्तियां निकालते हैं।
4 उन्होंने कहा, आओ, हम उनको ऐसा नाश करें कि राज्य भी मिट जाए; और इस्त्राएल का नाम आगे को स्मरण न रहे।
5 उन्होंने एक मन होकर युक्ति निकाली है, और तेरे ही विरूद्ध वाचा बान्धी है।
6 थे तो एदोम के तम्बूवाले और इश्माइली, मोआबी और हुग्री,
7 गबाली, अम्मोनी, अमालेकी, और सोर समेत पलिश्ती हैं।
8 इनके संग अश्शूरी भी मिल गए हैं; उन से भी लोतवंशियोंको सहारा मिला है।
9 इन से ऐसा कर जैसा मिद्यानियोंसे, और कीशोन नाले में सीसरा और याबीन से किया था, जो एन्दोर में नाश हुए,
10 और भूमि के लिथे खाद बन गए।
11 इनके रईसोंको ओरेब और जाएब सरीखे, और इनके सब प्रधानोंको जेबह और सल्मुन्ना के समान कर दे,
12 जिन्होंने कहा था, कि हम परमेश्वर की चराइयोंके अधिक्कारनेी आप ही हो जाएं।।
13 हे मेरे परमेश्वर इनको बवन्डर की धूलि, वा पवन से उड़ाए हुए भूसे के समान कर दे।
14 उस आग की नाई जो वन को भस्म करती है, और उस लौ की नाई जो पहाड़ोंको जला देती है,
15 तू इन्हे अपक्की आंधी से भाग दे, और अपके बवन्डर से घबरा दे!
16 इनके मुंह को अति लज्जित कर, कि हे यहोवा थे तेरे नाम को ढूंढ़ें।
17 थे सदा के लिथे लज्जित और घबराए रहें इनके मुंह काले हों, और इनका नाश हो जाए,
18 जिस से यह जानें कि केवल तू जिसका नाम यहोवा है, सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है।।