1 हे यहोवा, मैं ने गहिरे स्थानोंमें से तुझ को पुकारा है!
2 हे प्रभु, मेरी सुन! तेरे कान मेरे गिड़गिड़ाने की ओर ध्यान से लगे रहें!
3 हे याह, यदि तू अधर्म के कामोंका लेखा ले, तो हे प्रभु कौन खड़ा रह सकेगा?
4 परन्तु तू क्षमा करनेवाला है? जिस से तेरा भय माना जाए।
5 मैं यहोवा की बाट जोहता हूं, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूं, और मेरी आशा उसके वचन पर है;
6 पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, हां, पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, उस से भी अधिक मैं यहोवा को अपके प्राणोंसे चाहता हूं।।
7 इस्राएल यहोवा पर आशा लगाए रहे! क्योंकि यहोवा करूणा करनेवाला और पूरा छुटकारा देनेवाला है।
8 इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामोंसे वही छुटकारा देगा।।